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22 मार्च 2012

चीनी का त्रैमासिक बिक्री कोटा जारी करने की तैयारी

आर.एस. राणा नई दिल्ली

चीनी उद्योग को नियंत्रण मुक्त करने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। चीनी मिलों को राहत देने के लिए सरकार ने चीनी के बिक्री कोटे को फिर से तिमाही करने की योजना बनाई है। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अप्रैल से मिलों को चीनी का बिक्री कोटा महीने के बजाय तिमाही आधार पर आवंटित किया जाएगा। इस तरह मिलों को हर महीने निर्धारित कोटे की चीनी बेचने की बाध्यता नहीं होगी बल्कि वे तीन माह में कभी भी तिमाही कोटे की चीनी बेचने की अनुमति होगी।

खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीनी का बिक्री कोटा महीने के बजाय तिमाही करने की योजना है। महीने के बजाय तीन महीने के आधार पर कोटा जारी किए जाने से मिलों पर चीनी की बिक्री का दबाव कम हो जाएगा। उन्होंने बताया कि अप्रैल में जारी होने वाला कोटा तीन महीने के आधार पर रिलीज किए जाने की योजना है।

इसके तहत अगले तीन महीने की खपत के आधार पर चीनी का कुल कोटा रिलीज कर दिया जाएगा। उत्पादन में बढ़ोतरी से खुदरा बाजार में चीनी के दाम नियंत्रण में हैं तथा अभी कीमतों में तेजी की संभावना भी नहीं है।

वैसे को चीनी उद्योग को नियंत्रण मुक्त करने का मसला प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने विचार करने के लिए रंगराजन की अगुवाई वाली कमेटी को सौंप दिया है। लेकिन खाद्य मंत्रालय ने अपने स्तर पर मिलों को राहत देने के लिए तिमाही कोटा जारी करने की योजना बनाई है। रंगराजन कमेटी इस मसले से जुड़े सभी पक्षों से बात करके प्रधानमंत्री को रिपोर्ट सौंपेगी। इसी के आधार पर सरकार चीनी उद्योग पर लगे नियंत्रणों में ढिलाई देने के बारे में कोई विचार कर सकती है।

पिछले तीन वर्षों से देश में चीनी का उत्पादन खपत से ज्यादा हो रहा है। ऐसे में चीनी मिलों के मुनाफे पर दबाव बन रहा है और वे नियंत्रण मुक्त करने की मांग कर रही हैं। पिछले अक्टूबर से शुरू मौजूदा सीजन में भी चीनी का उत्पादन बढ़कर 260 लाख टन (इस्मा के अनुसार) होने का अनुमान है। इस वजह से बाजार में चीनी के दाम स्थिर हैं।

अधिकारी ने बताया कि फुटकर बाजार में चीनी के दाम 32 से 35 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं। हाल ही में प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों के आयुक्तों की बैठक में चालू पेराई सीजन 2011-12 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान चीनी का उत्पादन बढ़कर 251-252 लाख टन होने का अनुमान है। जबकि देश में चीनी की सालाना खपत 220 से 225 लाख टन की होती है। (Business Bhaskar.....R S Rana)

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