मौजूदा रबी के सीजन में सर्दी का सीजन लंबा खिंचने का फायदा गेहूं की फसल मिलेगा। मार्च तक भी मौसम में ठंडक रहने से गेहूं की नई फसल की उत्पादकता बढऩे की संभावना है। हालांकि अगले दस-पंद्रह दिन गेहूं की फसल के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। अगर इस दौरान मौसम अनुकूल रहा तो गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन 900 लाख टन से भी ज्यादा हो सकता है। लेकिन सर्दी के लंबे सीजन की वजह से नई फसल के गेहूं की आवक में कुछेक राज्यों में एक-दो सप्ताह की देरी होने की संभावना है।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) की संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) डॉ. एम. ददलानी ने बताया कि इस बार सर्दी का सीजन लंबा रहा है। इससे गेहूं की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता बढ़ेगी, इससे किसानों को फायदा होगा। हालांकि इस बार सर्दियों की बारिश नहीं हुई लेकिन गेहूं की बुवाई सिंचिंत क्षेत्रों में ही ज्यादा होती है इसीलिए इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगले दस-पंद्रह दिनों तक मौसम अनुकूल रहा तो रबी में गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन 900 लाख टन तक पहुंच सकता है।
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में गेहूं के बुवाई क्षेत्रफल में हुई बढ़ोतरी से गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन 883.1 लाख टन होने का अनुमान है। पिछले साल गेहूं का उत्पादन 868.7 लाख टन का उत्पादन हुआ था। चालू रबी में गेहूं की बुवाई 296 लाख हैक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल में हुई है। केंद्रीय पूल में पहली मार्च को गेहूं का बंपर स्टॉक 212.55 लाख टन का बचा हुआ है।
मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में नए गेहूं की आवक शुरू हो चुकी है लेकिन उत्तर भारत के राज्यों में नई फसल की आवक मध्य अप्रैल तक शुरू होने की संभावना है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने मध्य प्रदेश में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद शुरू कर दी है तथा उत्तर भारत के राज्यों में पहली अप्रैल से शुरू करने की योजना है।
चालू गेहूं विपणन सीजन 2012-13 के लिए एफसीआई ने गेहूं की खरीद का लक्ष्य 12.5 फीसदी बढ़ाकर 318.9 लाख टन तय किया है। जबकि पिछले विपणन सीजन में 281.44 लाख टन गेहूं की खरीद एमएसपी पर की गई थी। विपणन सीजन 2012-13 के गेहूं का एमएसपी बढ़ाकर 1,285 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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