कपास उद्योग और राज्यों ने निर्यात पाबंदी हटाए जाने के वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा की घोषणा का स्वागत किया है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट करने को कहा है कि पाबंदी की समाप्ति आंशिक है या फिर पूर्ण। इस बाबत अंतिम घोषणा सोमवार को होने की संभावना है। किसानों, निर्यातकों, जिनर्स और स्पिनर्स को संगठनों व विभिन्न राज्य सरकारों के शुरुआती अनुमान के मुताबिक, निर्यात पाबंदी से अब तक करीब 6,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। अकेले गुजरात में करीब 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, यहां करीब 1000 जिनिंग इकाइयां हैं।
इस फैसले से घरेलू व वैश्विक बाजार में स्थिति में सुधार की उम्मीद है, खास तौर पर तब जबकि अंतरराष्ट्रीय कपास सलाहकार समिति, अंतरराष्ट्रीय कपास संघ के साथ-साथ चीन व बांग्लादेश ने पाबंदी की आलोचना की थी। इसके अलावा आंध्र में कपास की खरीदारी शुरू कर चुके भारतीय कपास कॉरपोरेशन ने उम्मीद जताई है कि किसान इसकी बिक्री दोबारा शुरू करेंगे और जिनिंग इकाइयां काम शुरू करेंगी। आंध्र में कीमतें 3300 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पहुंच गई थी।
कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा - 'मैं इस फैसला का स्वागत करता हूं। किसानों व निर्यातकों के हक में तत्काल फैसला लेने के लिए मैं प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री व अन्य सहयोगियों को धन्यवाद देता हूं। वैश्विक बाजार में भारत की साख काफी महत्वपूर्ण है। मैं उम्मीद करता हूं कि सोमवार को सभी चीजें साफ हो जाएंगी और यह किसानों के लिए लाभकारी साबित होगी।' पवार ने कहा था कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी में विचार विमर्श के बाद ही निर्यात पर पाबंदी लगाई जानी चाहिए।
दूसरी ओर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भी इसका स्वागत किया है। उन्होंने कहा - 'कृषि जिंसों के निर्यात की नीति अचानक नहीं बदली जानी चाहिए। हमने आयात से मात्रात्मक प्रतिबंध हटा दिया है और निर्यात पर भी इस तरह का मात्रात्मक प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।'भारतीय कपास संघ के अध्यक्ष धीरेन शेठ ने उम्मीद जताई कि अब निर्यात पूरी तरह खुल गया है और पंजीकरण का काम भी शुरू हो जाएगा। हालांकि अधिसूचना देखने के बाद ही पूरी चीजें स्पष्ट हो पाएंगी। उन्होंने कहा कि पिछले पांच दिनों में कपास की कीमतें 10 फीसदी घटी हैं। आंध्र में कीमतें 3300 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई हैं।
महाराष्ट्र राज्य सहकारी कपास उत्पादक विपणन संघ के चेयरमैन एन पी हिरानी ने कहा कि कपास उद्योग को पिछले पांच दिनों में 5000 से 6000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। (BS Hindi)
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