केंद्रीय पूल में खाद्यान्न के भारी-भरकम स्टॉक और रिकार्ड उत्पादन से सरकार के सामने भंडारण की समस्या बनी हुई है। इसलिए सरकार ग्रामीण भंडारण योजना (आरजीएस) के तहत गोदामों के निर्माण पर ज्यादा जोर दे रही है। ऐसे में वित्त वर्ष 2012-13 के बजट में आरजीएस के तहत आवंटित राशि बढ़ाने की योजना है। वित्त वर्ष 2011-12 के लिए आरजीएस स्कीम के तहत 136 करोड़ का आवंटन किया गया था।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का बंपर स्टॉक मौजूद है जबकि गेहूं और चावल का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है। इसीलिए सरकार खाद्यान्न के भंडारण की अतिरिक्त क्षमता बढ़ाने पर जोर दे रही है। ग्रामीण भंडारण योजना का मकसद गांव स्तर पर भंडारण क्षमता बढ़ाना है। गांव स्तर पर भंडारण क्षमता बढ़ेगी तो केंद्रीय एजेंसियों पर भंडारण का दबाव कम होगा।
इसलिए वित्त वर्ष 2012-13 के बजट में आरजीएस स्कीम के तहत आवंटित राशि में बढ़ोतरी करने की योजना है। चालू वित्त वर्ष 2011-12 के तहत इस स्कीम के लिए आवंटित की गई 136 करोड़ रुपये की पूरी राशि का पहले ही आवंटन हो चुका है। उन्होंने बताया कि इस योजना का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में सहयोगी सुविधाओं के साथ वैज्ञानिक भंडारण प्रणाली का विस्तार करना है ताकि किसानों द्वारा अपनी कृषि उपज और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों को भंडारण करने की जरूरत को पूरा किया जा सके।
इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम 25 टन भंडारण क्षमता के गोदाम तैयार किए जा रहे हैं। आरजीएस के तहत खाद्यान्न भंडारण में प्राइवेट भागीदारों की हिस्सेदारी बढ़े इसलिए सब्सिडी को बढ़ाकर 25% करने की योजना है।
चालू वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान कृषि मंत्रालय आरजीएस के तहत प्राइवेट भागीदारों को 15% सब्सिडी दे रहा है। हालांकि पब्लिक सेक्टर के भागीदार को इस योजना के तहत चालू वित्त वर्ष में भी 25 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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