सरकार द्वारा प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) में लगातार कमी किए जाने के कारण प्याज का निर्यात फिर से पटरी पर आने की उम्मीद है। इससे प्याज के मूल्य को समर्थन मिल रहा है। निर्यात में बढ़ोतरी के कारण महाराष्ट्र की उत्पादक मंडियों में प्याज के दाम 80-100 रुपये से बढ़कर 225 रुपये प्रति 40 किलो के स्तर पर पहुंच गए हैं। प्याज के निर्यात पर नियंत्रण रखने के लिए नोडल एजेंसी नेफेड ने फिलहाल फरवरी में प्याज का एमईपी 25 डॉलर घटाकर 125 डॉलर प्रति टन तय किया था।
प्याज के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए फरवरी में नेफेड ने इसके एमईपी में 25 डॉलर प्रति टन की कटौती कर 125 डॉलर प्रति टन तय किया था। नेफेड के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2011-12 में अप्रैल से फरवरी के दौरान प्याज का निर्यात 13.5 फीसदी बढ़कर 13.40 लाख टन हो गया। पिछले वित्त वर्ष 2010-11 की समान अवधि में 11.81 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ था।
प्याज का निर्यात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर तक कम रहा क्योंकि एमईपी काफी ज्यादा था और भारतीय प्याज के अंतरराष्ट्रीय बाजार में पड़ते नहीं लग रहे थे। इसके बाद जनवरी में निर्यात बेहतर रहा और इस माह में निर्यात 145, 557 टन के स्तर पर पहुंच गया। लेकिन जनवरी के मुकाबले फरवरी में प्याज का निर्यात 29,706 टन घटकर 1,15,851 टन रह गया। निर्यातकों को उम्मीद है कि चालू मार्च माह में प्याज का निर्यात सुधर सकता है।
निर्यात में बढ़ोतरी की उम्मीद से घरेलू बाजार में प्याज की थोक कीमतों में तेजी आने से उत्पादकों को राहत मिली है। लेकिन कारोबारियों का कहना है कि मंडियों में प्याज की जोरदार आवक होने के कारण इसकी कीमतों में अधिक तेजी की संभावना नहीं है। आजादपुर मंडी स्थित पोटेटो-ओनियन मर्चेन्ट एसोसिएशन (पोमा) के महासचिव राजेंद्र शर्मा ने बताया कि मंडी में प्याज के थोक भाव फरवरी के मुकाबले 100 से 150 रुपये बढ़कर 400-700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में प्याज की दैनिक आवक इन दिनों लगभग 100 ट्रकों की हो रही है। यहां मुख्य रूप से गुजरात और महाराष्ट्र से प्याज की आवक हो रही है। उनका कहना है कि आजादपुर मंडी में राजस्थान से भी प्याज की आवक शुरू हो गई है। राजस्थान में भी प्याज की बंपर पैदावार को देखते हुए भविष्य में प्याज की कीमतों में अधिक तेजी की संभावना नहीं है। एनएचआरडीएफ के अनुसार वर्ष 2011-12 में प्याज का उत्पादन बढ़कर 151 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 145 लाख टन का उत्पादन हुआ था। (Business Bhaskar)
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