सोने के गैर ब्रांडेड जेवरात पर 1 फीसदी उत्पाद शुल्क लगाने के सरकार के प्रस्ताव पर तीन दिन का कारोबार बंद करने वाले सर्राफा कारोबारियों के तेवर
तीखे होते जा रहे हैं। उनका
कहना है कि शुल्क वापस नहीं लिया गया तो दिल्ली में संसद का घेराव किया जाएगा। उधर, वित्त मंत्री ने कहा है कि इस तरह के दबाव का कोई फायदा नहीं है।
वित्त मंत्री ने इस बार आम बजट में गैर ब्रांडेड स्वर्णाभूषणों पर 1 फीसदी उत्पाद शुल्क लगाने की बात कही है, जिसके बाद बड़े शोरूम ही नहीं छोटे जौहरियों से भी जेवरात खरीदना महंगा हो जाएगा। इस प्रस्ताव को वापस लेने के लिए शनिवार से ही सर्राफा कारोबारियों ने 3 दिन का बंद शुरू कर दिया है। ऑल इंडिया जेम्स ऐंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन बच्छराज बमालवा ने कहा कि छोटे कारोबारियों को प्रभावित करने वाला यह प्रस्ताव वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। बंद में हिस्सा ले रहे कारोबारियों ने कहा कि प्रस्ताव वापस नहीं होने पर बंद आगे बढ़ाने के साथ संसद घेरने के लिए दिल्ली कूच भी किया जाएगा।
बजट में स्टैंडर्ड सोने की छड़ और गिन्नी तथा प्लेटिनम पर सीमा शुल्क 2 से बढ़ाकर 4 फीसदी करने तथा गैर स्टैंडर्ड सोने पर 5 से बढ़ाकर 10 फीसदी करने का प्रस्ताव पेश किया गया। उद्योग जानकारों के मुताबिक इससे सोना 3 से 4 फीसदी महंगा हो जाएगा। मुंबई बुलियन एसोसिएशन के सुरेश हुंडिया ने कहा, 'उत्पाद शुल्क विभाग इसे आधार बनाकर छोटे कारोबारियों को परेशान कर सकता है।' मुंबई ज्वैलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कुमार जैन के मुताबिक इससे सोने की तस्करी भी शुरू हो सकती है क्योंकि उस रास्ते आया 10 ग्राम सोना 2,000 रुपये सस्ता पड़ेगा और कारोबारी तस्करों से ही सोना खरीदेंगे, जो कारोबारियों, समाज और देश के हित में नहीं होगा। (BS HIndi)
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