अनाज भंडारण और इसे संभालने की खातिर उचित व पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के चलते कटाई के बाद अनाज के नुकसान को देखते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने गोदामों (वेयरहाउसिंग) के लिए आवंटन में 150 फीसदी की बढ़ोतरी की है। निवेश की राह देखने वाले वेयरहाउसिंग उद्योग ने इस कदम का स्वागत किया है।
साल 2012-13 के केंद्रीय बजट में मंत्री ने भंडारण की नई क्षमता के निर्माण की खातिर 5000 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव रखा है जबकि पिछले साल के बजट में इस मद में 2000 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ था। पिछले एक साल में सरकार ने 20 लाख टन भंडारण की अतिरिक्त क्षमता को मंजूरी दी है, जिसके जल्द ही पूरा होने की संभावना है। 50 लाख टन भंडारण क्षमता पर भी जल्द सरकारी मंजूरी मिलने वाली है।
नैशनल बल्क हैंडलिंग कॉरपोरेशन (एनबीएचसी) के प्रबंध निदेशक अनिल चौधरी ने कहा - देश में भंडारण क्षमता की किल्लत को देखते हुए ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास कोष के तहत परिव्यय में भारी बढ़ोतरी वास्तव में समय पर उठाया गया कदम है। खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ोतरी और खाद्य सुरक्षा विधेयक को देखते हुए यह कदम गोदामों का निर्माण उचित दरों पर करने में निवेशकों की मदद करेगा।
कटाई के बाद अनाज के प्रबंधन में सरकारी जोर को देखते हुए सभी मामलों मसलन परिवहन, भंडारण और इसे संभालने पर निजी उद्यमियों की सहभागिता बढ़ेगी। मौजूदा समय में कटाई के बाद कुल सालाना उत्पादन का करीब 25 फीसदी हिस्सा बर्बाद होने का अनुमान है।
उचित लागत पर ज्यादा कोष की दरकार और आरआईडीएफ के आवंटन को देखते हुए वाणिज्यिक बैंकों की तरफ से भी गोदामों के निर्माण में कर्ज के तौर पर सहयोग की दरकार होगी क्योंकि गोदामों का कामकाज मौसमी और कम प्रतिफल वाला कारोबार होता है। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के नियम के तहत ऐसे कर्ज कृषि ऋण की श्रेणी में आएंगे। इससे बैंक अपनी ब्याज दरों में भारी कटौती करने में सक्षम होंगी और जरूरत के मुताबिक इस क्षेत्र में निवेश हो सकेगा।
ए. इंटरनैशनल लिमिटेड के सीएमडी एस मित्तल ने कहा - बजट में हालांकि अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण पहलू लॉजिस्टिक लागत पर कुछ नहीं कहा गया है, जो जीडीपी का करीब 14 फीसदी है। प्रणव मुखर्जी के मुताबिक, जीडीपी की विकास दर आने वाले सालोंं में 7.6 फीसदी रहने की संभावना है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि लॉजिस्टिक के मौजूदा ढांचे में यह विकास दर कैसे हासिल होगी, खास तौर से सड़क व रेलवे के बुनियादी ढांचे के देखते हुए। हालांकि सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास में पीपीपी की बात की, लेकिन इस संबंध में कोई रोडमैप नहीं दिया गया। (BS Hindi)
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