नई दिल्ली : कपास निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद विभिन्न पक्षों द्वारा जाहिर चिंता के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वाणिज्य मंत्रालय के इस फैसले की नौ मार्च को मंत्री समूह द्वारा समीक्षा किये जाने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया कि सिंह ने मंत्रिसमूह को नौ मार्च को बैठककर फैसले की तुरंत समीक्षा का निर्देश दिया है।
गुजरात और महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी के प्रभारी मोहन प्रकाश के नेतृत्व में उनसे मिलने यहां पहुंचे प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री ने यह निर्देश दिया। प्रतिनिधिमंडल ने कपास के निर्यात पर प्रतिबंध तुरंत हटाने का आग्रह किया। कृषि मंत्री शरद पवार ने भी इससे पहले कपास निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने का कड़ा विरोध किया और प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार को कपास निर्यात पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद उसी दिन पत्र लिख भेजा।
पवार ने कहा था कि वाणिज्य एवं उद्योग तथा कपड़ा मंत्रालय ने उन्हें अंधेरे में रखा और उन्हें इस फैसले का पता तब चला जब सोमवार को विदेश व्यापार महानिदेशालय ने अधिसूचना जारी कर दी। उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले लेते समय उचित यह है कि कीमत संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति या आर्थिक मामलों से जुड़ी मंत्रिमंडलीय समिति में चर्चा हो जैसा कि गेहूं, चावल और चीनी में होता है। इसलिए मैंने इस बारे में प्रधानमंत्री से बात की। यह बहुत आपत्तिजनक है। हालांकि, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह फैसला उचित और सोच-समझ कर लिया गया है और वह इस बारे में खुद पवार से बात करेंगे। (Z-News)
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