आर एस राणा
नई
दिल्ली। रबी फसलों की बुवाई के लिए किसानों को खाद खरीदने के लिए 30 फीसदी
से ज्यादा रकम चुकानी पड़ेगी। डीएपी खाद की कीमतों में साल भर में 350
रुपये और पोटाश की कीमतों में 370 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है।
डीएपी और पोटास हुआ महंगा
पंजाब
के अटारी स्थित अग्रवाल खाद स्टोर के प्रबंधक दिनेश अग्रवाल ने बताया कि
डीएपी खाद का भाव बढ़कर 1,400 रुपये प्रति 45 किलो गया है, जबकि पिछले रबी
सीजन में इसका भाव 1,050 रुपये 45 किलो था। इसी तरह से पोटास का भाव 550
रुपये से बढ़कर 920 रुपये प्रति 45 किलो हो गया है। उन्होंने बताया कि
यूरयिा का भाव तो 265 रुपये प्रति 45 किलो है, लेकिन यूरिया की उपलब्धता कम
है।
यूरिया के भाव तो स्थिर लेकिन उपलब्धता कम
हरियाणा
के बहादुगढ़ स्थित दलाल खाद बीज भंडार के प्रबंधक सुरेंद्र दलाल ने बताया
कि डीएपी का भाव 1,340 रुपये प्रति 45 किलो है, लेकिन नया डीएपी अभी आया
नहीं है। उन्होंने बताया कि नया डीएपी आने के बाद भाव और भी बढ़ने की खबर
है। मार्च 2018 में इसका भाव 1,080 रुपये प्रति 45 किलो था। उन्होंने बताया
कि यूरिया का भाव 265 रुपये प्रति 45 किलो है, लेकिन उपलब्धता कम होने के
कारण यह 270 से 280 रुपये प्रति 45 किलो में बिक रहा है।
कच्चे माल की कीमतों में तेजी, और महंगे डॉलर का असर
सूत्रों
के विश्व बाजार से आयातित कच्चे माल फॉस्फेट और पोटाश की कीमतों में आई
तेजी के कारण घरेलू बाजार में खाद की कीमतें बढ़ी हैं। यूरिया की कीमतों पर
सरकार का नियंत्रण होने के कारण इनके बिक्री भाव में तो बढ़ोतरी तो नहीं
हुई है, लेकिन इससे सब्सिडी में जरुर बढ़ोतरी हो जायेगी। उद्योग के अनुसार
रुपये की तुलना में डॉलर मजबूत होने से विश्व बाजार से आयातित फॉस्फेट और
पोटाश की लागत ज्यादा आ रही है जिसका असर घरेलू बाजार में पड़ रहा है।
यूरिया का उत्पादन बढ़ने का अनुमान
रसायन
और उर्वरक मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2018-19 में यूरिया खाद का
उत्पादन 1.6 फीसदी बढ़कर 244 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका
उत्पादन 240.2 लाख टन का ही हुआ था।..... आर एस राणा
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