आर एस राणा
नई
दिल्ली। केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों की आवक शुरू होने के महीनाभर बाद पांच
राज्यों से प्रधानमंत्री आशा खरीद योजना के तहत दलहन की खरीद को मंजूरी दे
दी है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), नेफेड के साथ राज्य सरकारों की खरीद
एजेंसियों के सहयोग से आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और
राजस्थान से दालों की खरीद करेगी।
कुल उत्पादन के 25 फीसदी की होगी खरीद
एफसीआई
के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इन राज्यों से दालों की खरीद मूल्य समर्थन
योजना (पीएसएस) के माध्यम से की जायेगी, तथा कुल उत्पादन की केवल 25 फीसदी
दालों की खरीद की जायेगी, अगर 25 फीसदी से ज्यादा खरीद करनी है, तो उसकी
भरपाई राज्य सरकार को करनी होगी। उन्होंने बताया कि एक किसान से एक दिन में
केवल 50 बोरी (एक बोरी-50 किलो) दलहन की खरीद ही की जायेगी।
किसानों के आधार कार्ड आदि की जांच का जिम्मा राज्यों का
किसानों
से दालों की खरीद के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता और जमीन के कागजात आदि की
जांच का जिम्मा राज्य सरकारों की एजेंसियों का है। उन्होंने बताया कि कृषि
मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी पीएम आशा योजना के तहत दालों खरीद की
जायेगी।
उत्पादक मंडियों में भाव समर्थन मूल्य से नीचे
खरीफ
फसलों की आवक अक्टूबर के आरंभ में मंडियों में शुरू हो जाती है, तथा
सरकारी खरीद के अभाव में किसानों को दलहनी फसलें मूंग और उड़द उत्पादक
मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 1,500 से 2,000 रुपये प्रति
क्विंटल तक नीचे भाव पर बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। केंद्र सरकार ने
चालू खरीफ विपणन सीजन 2018-19 के लिए मूंग का एमएसपी 6,975 रुपये प्रति
क्विंटल तय किया हुआ है जबकि उत्पादक मंडियों में मूंग 5,000 से 5,500
रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। इसी तरह से उड़द का एमएसपी 5,600 रुपये
प्रति क्विंटल है जबकि उत्पादक मंडियों में उड़द 4,000 से 4,400 रुपये
प्रति क्विंटल बिक रही है। खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर की दैनिक आवक
उत्पादक मंडियों में दिसंबर में बनेगी।
उत्पादन में कमी की आशंका
चालू
खरीफ सीजन 2018-19 दालों की पैदावार घटकर 92.2 लाख टन ही होने का अनुमान
है जबकि पिछले खरीफ सीजन में इनका उत्पादन 93.4 लाख टन का हुआ था।...... आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें