आर एस राणा
नई
दिल्ली। लगातार जनसंख्या में हो रही बढ़ोतरी के बीच बढ़ते शहरीकरण और
औद्योगिकीकरण के कारण खेती योग्य कुल जमीन में कमी आई है। हालात इसी तरह
जारी रहे तो फिर बढ़ती आबादी के लिए खाद्यान्न उपलब्ध कराना एक चुनौती
होगा। कृषि मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार खेती योग्य जमी
घटी है लेकिन छोटे एवं सीमांत जोत के किसानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई
है।
पांच साल में खेती योग्य जमीन 1.53 फीसदी घटी
मंत्रालय
द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार खेती योग्य जमीन वर्ष 2010-11 में 15.95
करोड़ हेक्टेयर थी, जो वर्ष 2015-16 में घटकर 15.71 करोड़ हेक्टेयर रह गई
है। इस दौरान बढ़ती जनसंख्या और परिवारों के बटवारे के कारण किसानों की औसत
जोत तो कम हो गई है, लेकिन किसानों की संख्या इस दौरान जरुर बढ़ गई है।
वर्ष 2010-11 में किसानों की औसत जोत 1.15 हेक्टेयर थी, जोकि वर्ष 2015-16
में घटकर 1.08 हेक्टेयर रह गई। इस दौरान किसानों की कुल संख्या 13.8 करोड़
से बढ़कर 14.6 करोड़ हो गई है।
अंधाधुध हो रहे जमीन अधिग्रहण का असर
बढ़ते
शहरीकरण और औद्योगिकीकरण का असर भी खेती वाली जमीन पर पड़ रहा है। मेट्रो
शहरों के अलावा छोटे शहरों के आसपास भी लगातार जमीनों का अधिग्रहण कर मल्टी
स्टोरी बिल्डिंगों का निर्माण हो रहा है, साथ औद्योगिक इकाइया बनाई जा रही
हैं।
छोटे एवं सीमांत किसानों की संख्या बढ़कर 86 फीसदी
मंत्रालय
द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2010-11 छोटे व सीमांत किसान 84.97
फीसदी थे जोकि वर्ष 2015—16 में बढ़कर 86.21 फीसदी हो गये। इन किसानों के
पास कुल खेती की 47.34 फीसदी जमीन है। उधर मझोले किसान देशभर में 13.22
फीसदी है, जिनके पास कुल 43.15 फीसदी जमीन है। वहीं देश के बड़े किसान
मात्र 0.57 फीसदी ही हैं, जिनके पास 9.04 फीसदी जमीन है। वर्ष 2010-11 में
बड़े किसानों के पास 10.59 फीसदी जमीन थी।
किसानों की सबसे ज्यादा आबादी यूपी में
देश
के कुल 14.6 करोड़ किसानों में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में 2.38 करोड़,
बिहार में 1.64 करोड़, महाराष्ट्र में 1.47 करोड़, मध्य प्रदेश में एक
करोड़, कर्नाटक में 86 लाख, आंध्रप्रदेश में 85 लाख, तमिलनाडु में 79 लाख
और राजस्थान में 76 लाख किसान हैं।
महिला किसानों की संख्या बढ़ी
देश
में महिला किसानों की संख्या में इजाफा हुआ है। वर्ष 2010-11 में जहां
12.79 फीसदी महिला किसानों की संख्या थी वहीं, वर्ष 2015-16 में इनकी
संख्या बढ़कर 13.87 फीसदी पहुंच गई है। इससे साफ है कि खेती में महिलाओं की
भागीदारी बढ़ रही है।
देशभर के 14 राज्यों में 91.03 फीसदी किसान
देश
के 36 राज्यों में केवल 14 राज्यों के पास कुल 91.03 फीसदी किसान हैं,
जबकि उनके पास देश की कुल खेती की 88.08 फीसदी जमीन है। इन राज्यों में
आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश,
महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल
प्रमुख हैं।
मंत्रालय हर पांच में एक बार जारी करता है आंकड़े
कृषि
मंत्रालय हर पांच साल में एक बार कराता है। इसकी शुरुआत 1970-71 में हुई
थी। सीमांत किसानों के पास कुल जमीन एक हैक्टेयर से कम, छोटे किसानों के
पास एक हैक्टेयर से दो हैक्टेयर, मझौले किसानों के पास दो से चार हैक्टेयर
और बड़े किसानों के पास 10 हैक्टेयर से ज्यादा जमीन है।.............. आर एस राणा
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