आर एस राणा
नई
दिल्ली। देशभर में प्रमुख फसलों के उत्पादन में महिलाओं की भागीदारी 75
फीसदी है इसलिए किसान परिवार की आय को वर्ष-2022 तक दोगुना करने के लक्ष्य
को प्राप्त करने में महिला किसानों की भूमिका को विशेष महत्व दिया जा रहा
है।
महिला किसान दिवस के मौके पर नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि
मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए संकल्पबद्ध है तथा वह इस दिशा में तेजी से
काम कर रही है।
महिला किसान दिवस समारोह में देश के 26 राज्यों
से लगभग 400 महिला किसानों ने भाग लिया। इस समारोह में विभिन्न राज्यों
द्वारा चयनित 40 उत्कृष्ट महिला किसानों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम
में कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रुपाला भी मौजूद रहे।
कृृषि
मंत्री ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में महिलाएं बेहतर कार्य कर रही हैं,
उन्होंने कहा कि विभिन्न कार्यक्रमों और विकास से जुड़ी गतिविधियों के लिए
बजट में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत से अधिक धनराशि का आवंटन किया गया है।
भारत सहित अधिकतर विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था में ग्रामीण महिलाओं की
सबसे अधिक योगदान है।
राधा मोहन सिंह ने बताया कि आर्थिक रूप से
सक्रिय 80 प्रतिशत महिलाएं कृषि क्षेत्र में कार्यरत हैं, इनमें से 33
प्रतिशत मजदूर के रूप में और 48 प्रतिशत स्व नियोजित किसान के रूप काम कर
रही हैं। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक भारत
में लगभग 18 प्रतिशत खेतिहर परिवारों का नेतृत्व महिलाएं ही कर रही हैं।
जानकारों
का मानना है कि कृषि कार्यों में महिलाओं की बढ़ती संख्या से उत्पादन में
बढ़ोतरी हो सकती है, भूख और कुपोषण को भी रोका जा सकता है। इसके अलावा
ग्रामीण अजीविका में सुधार होगा, इसका फायदा पुरुष और महिलाओं, दोनों को
होगा। संयुक्त राष्ट्र के भोजन और कृषि संगठन के सर्वे में महिलाएं कृषि
मामले में पुरुषों से हर क्षेत्र में आगे हैं, बस अधिकारों और सुविधाओं को
छोड़कर।................ आर एस राणा
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