आर एस राणा
नई
दिल्ली। पराली जलाने को लेकर राज्य के कई जिलों में किसान आंदोलन कर रहे
हैं, वहीं राज्य सरकार किसानों पर जुर्माना लगा रही है। राज्य के बरनाला
जिलें में शनिवार को किसानों ने प्रदर्शन कर, राज्य सरकार से पराली के उचित
समाधान की मांग की।
भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के बैनर तले, धान
किसानों ने राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध जताते हुए पराली का उचित
समाधान करने की मांग की जिसमें महिला किसानों ने भी भाग लिया।
कृषि मशीनरी से केवल 9 फीसदी का समाधान
किसानों
ने राज्य सरकार से पराली के प्रबंधन के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल बोनस
देने की मांग की। बीकेयू (उगराहन) के महासचिव सुखदेव सिंह खोकरिकलन ने कहा
कि राज्य सरकार पराली का उचित समाधान करे, नहीं तो किसानों को 200 रुपये
प्रति क्विंटल का बोनस दे। उन्होंने कहा कि कृषि मशीनरी से केवल 9 फीसदी
पराली का समाधान संभव है जोकि कुल उत्पादन 220 लाख टन का केवल 20 लाख टन ही
है।
किसानों को परेशान कर रही है राज्य सरकार
उन्होंने
कहा कि राज्य सरकार पराली जलाने पर किसानों को अनावश्यक रुप से परेशान कर
रही है, पराली जलाने से केवल 8 फीसदी वायु प्रदूषण होता है, जबकि उन के
बारे में कोई बात नहीं करता, जोकि 92 फीसदी वायु प्रदूषण करते हैं।
उन्होंने
कहा कि किसान भी नहीं चाहते कि पराली जलाई जाए, लेकिन उचित समाधान नहीं
होने से उन्हें मजबूवीश यह कदम उठाना पड़ता है। पंजाब में सालाना 220 लाख
टन और हरियाणा में करीब 65 लाख टन पराली का उत्पादन होता है।
किसान चाहते हैं उचित समाधान
उधर
तरतारन के घरियाला में किसान संघर्ष कमेटी पंजाब के बैनर तले धरने पर बैठे
किसानों ने केंद्र व पंजाब सरकार को किसान विरोधी करार दिया। कहा कि पराली
को आग लगाने से रोका तो जा रहा है, लेकिन इसके उचित समाधान के लिए कोई ठोस
कदम नहीं उठाया जा रहा।
किसान संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष इंद्रजीत
सिंह ने कहा कि धान की कटाई के बाद किसान मजबूर होकर पराली को आग लगाता
है। लेकिन, अब सरकार किसानों पर मामले दर्ज कर रही है, जो कि निंदनीय है।
तरनतारन में 73 मामले सामने आए
तरनतारन
में सेटेलाइट के जरिए 73 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें पराली जलाई गई।
मौके पर कार्रवाई करते हुए कृषि विभाग व पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने 47
स्थानों पर जाकर 1.24 लाख रुपये के जुर्माने किया।
केरजलीवाल ने केंद्र पर लगाया आरोप
दिल्ली
के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाए हैं कि दिल्ली सरकार द्वारा
पराली जलाने का मुद्दा बार-बार उठाए जाने के बावजूद केंद्र सरकार और पड़ोसी
राज्यों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा
है कि हम केंद्र, हरियाणा और पंजाब सरकारों के साथ इस मामले को उठाते रहे
हैं, फिर भी अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। किसान फिर से असहाय हो गए
हैं। दिल्ली समेत पूरा क्षेत्र फिर से गैस चैंबर बन जाएगा। लोगों को फिर से
सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। ये अपराध है।..... आर एस राणा
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