आर एस राणा
नई
दिल्ली। चीन ने भारत से सरसों डीओसी के आयात पर लगी रोक को तो हटा लिया
है, लेकिन निर्यात सौदे शुरू होने में अभी करीब 3 से 4 महीने का समय लग
सकता है। चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले छह महीनों अप्रैल से सितंबर के
दौरान सरसों डीओसी का निर्यात बढ़कर 6,01,105 टन का हो चुका है।
सॉलवेंट
एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशनआॅफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी वी
मेहता ने बताया कि चीन ने सरसों डीओसी के आयात पर लगी रोक को तो हटा लिया
है लेकिन भारत से नए निर्यात सौदे में होने में अभी 3 से 4 महीने का समय लग
सकता है। उन्होंने बताया कि नए निर्यात संबंधी नियमों की जानकारी के लिए
हमने वाणिज्य मंत्रालय को पत्र लिखा है।
उन्होंने बताया कि साल
2011 तक भारत से चीन को सालाना करीब 3 से 4 लाख टन सरसों डीओसी का निर्यात
हो रहा था, लेकिन वर्ष 2012 में चीन ने भारत से आयात पर रोक लगा दी थी। चीन
इस समय कनाडा से सरसों डीओसी का आयात कर रहा है, जबकि कनाडा के मुकाबले
भारत से सरसों डीओसी का आयात चीन को सस्ता पड़ेगा। पड़ौसी देश होने के कारण
भारत से परिवहन लागत कम आयेगी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में
चीन ने भारत की पांच तेल मिलों को सरसों डीओसी के लिए हरी झंडी दे दी थी,
लेकिन उन मिलों को भी निर्यात सौदों के लिए आगे की कार्यवाही के लिए 2 से 3
महीने का समय लगने की उम्मीद है।
एसईए के अनुसार चालू वित्त
वर्ष 2018-19 के पहले छह महीनों अप्रैल से सितंबर के दौरान सरसों डीओसी का
निर्यात बढ़कर 6,01,105 टन का हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान
अवधि में इसका निर्यात केवल 3,00,627 टन का ही हुआ था।
सरसों
डीओसी के भाव भारतीय बंदरगाह पर सितंबर में औसतन 225 डॉलर प्रति टन रहे
जबकि अगस्त में इसके भाव 215 डॉलर प्रति टन थे। राजस्थान में सरसों डीओसी
के भाव बुधवार को 20,000 रुपये प्रति टन एक्स फैक्ट्री रहे।.............. आर एस राणा
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