आर एस राणा
नई
दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोरती को देखते हुए
केंद्र सरकार कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने पर विचार कर रही है।
इसके लिए पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण की सीमा को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20
फीसदी करने की घोषणा किए जाने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार
कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने के उपाय तलाशने के लिए आज
प्रधानमंत्री ने बैठक बुलाई है। इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली,
प्रेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के साथ ही तेल और गैस सेक्टर की
दिग्गज कंपिनयों के प्रमुख भाग ले रहे हैं।
कच्चे तेल के आयात पर
निर्भरता कम करने के लिए केंद्र सरकार चीनी मिलों को रियायती दरों पर
अतिरिक्त ऋण देने की घोषणा कर सकती है, साथ ही राज्य सरकारों को एथेनॉल पर
आयात-निर्यात शुल्क हटाने के भी निर्देश जारी कर सकती है।
सोमवार
को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 82.72 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर
बनी रही, लेकिन डीजल की कीमत में 8 पैसे की बढ़ोतरी होकर यह 75.46 रुपये
प्रति लीटर पर पहुंच गया।
केंद्र सरकार ने चीनी उद्योग को जून
में 8,500 करोड़ रुपये का पैकेज देने की घोषणा की थी, इसमें 4,440 करोड़
रुपये चीनी मिलों को सस्ते कर्ज के रूप में एथेनॉल क्षमता के विकास के लिए
दिए गए थे।
सितंबर में आर्थिक मामलों की मंत्रीमंडलीय समिति
(सीसीईए) ने एथेनॉल की कीमतों में भी बढ़ोतरी की थी। इसके तहत सीधे गन्ने
के रस से बनने वाले एथेनॉल का भाव 47.13 रुपये से बढ़ाकर 52.43 रुपये प्रति
लीटर कर दिया था, हालांकि शीरे से उत्पादित सी-ग्रेड के ऐथनॉल का मूल्य
43.70 रुपये से घटाकर 43.46 रुपये प्रति लीटर कर दिया था।............ आर एस राणा
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