आर एस राणा
नई
दिल्ली। उत्पादक मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे भाव
पर तिलहनी फसल बेच रहे किसानों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने
राजस्थान, मध्य प्रदेश और महारष्ट्र से मूंगफली और सोयाबीन की प्राइस
सपोर्ट स्कीम (पीएसएस) के तहत खरीद को मंजूरी दे दी। कृषि मंत्रालय के
अनुसार इन राज्यों से 15 अक्टूबर से खरीद शुरू होगी तथा 90 दिन तक खरीद
चलेगी। हालांकि कुल उत्पादन के मुकाबले खरीद सीमित मात्रा में ही होगी, ऐसे
में सवाल यह है कि कितने किसानों को इसका लाभ मिल पायेगा?
कृषि
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार खरीफ विपणन सीजन 2018-19 में
पीएसएस के तहत राजस्थान से 3.79 लाख टन मूंगफली की खरीद को मंजूरी दी है,
जिस पर 1,853.31 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा। मध्य प्रदेश से इस दौरान
92,250 टन मूंगफली की खरीद की जायेगी, जिस पर 451.10 करोड़ का खर्च आने का
अनुमान है।
महाराष्ट्र से चालू खरीफ सीजन में 2.50 लाख टन
सोयाबीन की खरीद को मंजूरी दी है, जिस पर करीब 849.75 करोड़ का खर्च आने का
अनुमान है। इसके अलावा राजस्थान से एमएसपी पर 3.69 लाख टन सोयाबीन की खरीद
करने की अनुमति केंद्र सरकार ने दे दी है, जिस पर करीब 1250.91 करोड़
रुपये का खर्च आयेगा।
मध्य प्रदेश से चालू खरीफ में 50,000 टन तिल की खरीद एमएसपी पर की जायेगा तथा इस पर करीब 312.45 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा।
कृषि
मंत्रालय के अनुसार सोयाबीन और मूंगफली की एमएसपी पर खरीद नेफेड, भारतीय
खाद्य निगम (एफसीआई) के अलावा लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) द्वारा
की जायेगी तथा किसानों को भुगतान सीधा उनके बैंक खातों में किया जायेगा।.......... आर एस राणा
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