आर एस राणा
नई
दिल्ली। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य
हासिल करने के लिए देशभर में विशेष कृषि निर्यात जोन बनाए जाएंगे।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए सरकार जल्द
ही राष्ट्रीय कृषि निर्यात नीति की घोषणा करेगी, जिसका मसौदा लगभग तैयार हो
चुका है।
कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाकर 50 हजार करोड़ का लक्ष्य
केंद्रीय
वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने इस सेक्टर से जुड़े एक समारोह में कहा कि
अंतरराष्ट्रीय बाजार में जैविक उत्पादों की सर्वाधिक मांग है। भारत में
सालाना 60 करोड़ टन कृषि और बागवानी उत्पादों की पैदावार होती है। उन्होंने
कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय कृषि निर्यात नीति में किसानों की आमदनी को
दोगुना करने के उपायों को शामिल किया जाएगा। कृषि उत्पादों का मौजूदा
निर्यात 22 हजार करो़ड़ रुपये है, जिसे बढ़ाकर 50 हजार करोड़ रुपये पर
पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
जैविक कृषि उत्पादों की पैदावार में बढ़ोतरी पर जोर
वैश्विक
बाजार में भारत की कृषि निर्यात हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए जैविक कृषि
उत्पादों की पैदावार में बढ़ोतरी पर जोर होगा। प्रस्तावित विशेष कृषि
निर्यात जोन को देश के विभिन्न बंदरगाहों और हवाई अड्डों से जोड़ा जाएगा।
राष्ट्रीय कृषि निर्यात नीति के मसौदे में इसे शामिल करते हुए कृषि में
जैविक उत्पादों को विशेष प्रोत्साहन किया जाएगा। भारत को जैविक कृषि
उत्पादों का केंद्र बनाने की योजना है, जिसके तहत विभिन्न क्षेत्रों में
परंपरागत खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कृषि उत्पादों की क्षति को रोकना मकसद
राष्ट्रीय
कृषि निर्यात नीति का मसौदा कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और वाणिज्य मंत्रालय
संयुक्त रुप से तैयार कर रहे हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के सहयोग से
कृषि उत्पादों की क्षति को रोका जा सकता है। एक आंकड़े के मुताबिक कृषि उपज
का 30 फीसद हिस्सा प्रसंस्करण के अभाव में सड़ अथवा नष्ट हो जाता है। आने
वाली नई निर्यात नीति से उसका संरक्षण किया जा सकता है।
संयुक्त अरब अमीरात और ओमान जैसे खाड़ी देशों के संपर्क में
भारत
संयुक्त अरब अमीरात और ओमान जैसे खाड़ी देशों से संपर्क में है, जहां कृषि
उत्पादों की बहुत मांग है। चावल निर्यात के लिए चीन से बातचीत जारी है।
भारत लंबे समय बाद सरसों की खेप चीन को भेज रहा है। वर्ष 2017-18 में देश
में 17 लाख टन जैविक कृषि उत्पादों की उपज हुई थी, जिसमें तिलहन, गन्ना,
मोटे अनाज, कपास, दालें, जड़ी-बूटी, चाय, फल और मसाले प्रमुख थे। इस समय देश
में जैविक खेती करने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर है,
जिसके बाद महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और राजस्थान का नाम है। ..... आर एस राणा
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