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14 अक्टूबर 2018

अरहर और उड़द के वायदा कारोबार से रोक हटाने की तैयारी, कीमतों में सुधार लाने का मकसद

आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्पादक मंडियों में दालों की कीमतों में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार वायदा कारोबार का सहारा ले सकती है इसलिए अरहर और उड़द के वायदा कारोबार पर लगी रोक को जल्द ही हटाया जा सकता है। कीमतों में भारी तेजी आने की वजह से जनवरी 2007 में केंद्र सरकार ने अरहर और उड़द के वायदा कारोबार को बंद कर दिया था।
उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अरहर और उड़द के वायदा कारोबार पर लगी रोक को हटाने की सहमति बन गई है, ऐसे में इस मामले पर अगले सप्ताह भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को प्रस्ताव भेजा जा सकता है। उन्होंने बताया कि प्राइस मॉनिटरिंग कमेटी अरहर और उड़द के वायदा कारोबार पर रोक हटाने के लिए पहले ही अपनी सहमति दे चुकी है, इसके अलावा नीति आयोग भी प्रतिबंध हटाने की सिफारिश कर चुका है।
एनसीडीईएक्स ने अगस्त में सेबी से मांगी थी अनुमति
उन्होंने बताया कि अरहर और उड़द का वायदा कारोबार शुरू होने से किसानों को उचित भाव मिलने में आसानी होगी। वायदा में आगामी महीनों का कारोबार होने से किसानों को फसल बेचने का निर्णय लेने में आसानी होगी। वैसे भी केंद्रीय पूल में दलहन का बंपर स्टॉक मौजूद है। उधर नेशनल कमोडिटी और डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) ने अगस्त में सेबी से अरहर और उड़द में वायदा कारोबार शुरू करने की अनुमति मांगी थी।
नई उड़द की आवक हो चुकी है शुरू
चालू खरीफ में उत्पादक मंडियों में नई उड़द की आवक शुरू हो गई है, जबकि अरहर की आवक दिसंबर में शुरू होगी। घरेलू बाजार में दालों की उपलब्धता ज्यादा होने के कारण उत्पादक मंडियों में इनके भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए हैं।
समर्थन मूल्य से नीचे बने हुए हैं भाव
खरीफ विपणन सीजन 2018-19 के लिए केंद्र सरकार ने अरहर का एमएसपी 5,675 रुपये और उड़द का 5,600 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि उत्पादक मंडियों में 3,500 से 4,000 रुपये और उड़द 3,500 से 4,200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है।
अरहर और उड़द के उत्पादन में कमी का अनुमान
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2018-19 में अरहर का उत्पादन 40.8 लाख टन होने का अनुमान है जोकि फसल सीजन 2017-18 के 42.5 लाख टन से कम है। इसी तरह से चालू खरीफ में उड़द का उत्पादन घटकर 26.5 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले खरीफ सीजन में इसका उत्पादन 28.4 लाख टन का हुआ था।......आर एस राणा

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