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15 सितंबर 2008

तेज गिरावट के थे आसार, पर दिखा सोने में सुधार

नई दिल्ली September 15, 2008
सोने की चमक में इस हफ्ते अनुमान के विपरीत कमी आई है, हालांकि उम्मीद की जा रही थी कि इस सप्ताह सोने में तेज गिरावट आएगी।
जानकारों के अनुसार, सोने में उतार-चढ़ाव के लिए उत्तरदायी डॉलर में लगातार मजबूती आ रही है। उधर, अमरीका के दक्षिणी-पश्चिमी तटीय इलाके में आईक तूफान के चलते कच्चे तेल में तेजी आने की उम्मीद से सोने के भाव को थोड़ी मजबूती मिल रही है। मालूम हो कि कच्चा तेल और सोना एक दूसरे के मजबूत होने से मजबूत और कमजोर होने से कमजोर होते हैं। डॉलर के साथ सोना के संबध बिल्कुल उल्टे होते हैं। डॉलर के मजबूत होने से सोने में कमजोरी आती है। कार्वी कमोडिटीज ब्रोकिंग के अशोक मित्तल के अनुसार, सोने का अगला समर्थन स्तर 732 से 735 डॉलर के बीच रहने का अनुमान है। यदि सोना इस स्तर से नीचे गया तो फिर अनुमान है कि इसका अगला मुकाम 680 डॉलर के आसपास होगा। एंजिल ब्रोकिंग के नवीन माथुर का मानना है कि आईक तूफान के चलते कच्चे तेल में तेजी से कमी हो सकती है। इससे सोने के भाव में तेज बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि ऐसा लंबे समय तक नहीं चलने वाला। वित्तीय संस्थान और कमोडिटी मार्केट अपने निवेशकों को ऐसे डोलड्रम में नहीं रहने दे सकते। कच्चे तेल ने कुछ महीने पहले 147 डॉलर के स्तर को छू लिया था लेकिन उसके बाद दो महीनों के भीतर ही इसमें तकरीबन 30 फीसदी की कमी देखने को मिली है। फिलहाल कच्चा तेल 100 डॉलर के आसपास मंडरा रहा है।अब लगभग सभी निवेशक जिनमें पूंजी बाजार के लोग भी शामिल हैं, बैंक डिपॉजिट की ओर रुख कर रहे हैं। एंजिल ब्रोकिंग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तेल भंडार में तेज गिरावट हुई है। ऐसा इसलिए कि मैक्सिको की खाड़ी की कई रिफाइनरियां तूफान की आशंका के चलते बंद कर दी गई हैं। इस बंद के चलते तेल रिफाइनरियों की कुल क्षमता में 95 फीसदी से अधिक की कमी आई है। प्राकृतिक गैस संवर्द्धन इकाइयों की क्षमता में भी 93 फीसदी की कमी आई है। ऐसी स्थिति में मुनाफावसूली के चलते सोने की कीमत में भी तेजी से कमी आई है। रेलीगेयर इंटरप्राइजेज की नई रिपोर्ट से जाहिर होता है कि अगस्त में अमेरिका की महंगाई अनुमान से कहीं अधिक घटी है। ऐसा कच्चे तेल की कीमत में तेज गिरावट होने से हुई है।हाजिर सोने की कीमत शुक्रवार को गिरकर 735.90 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई। 2008 में सोने की कीमत में कुल 8.8 फीसदी की कमी हो चुकी है जबकि 17 मार्च के रेकॉर्ड स्तर तक पहुंचने के बाद अब तक इसमें 26 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। गौरतलब है कि 17 मार्च को सोने का भाव 1,033.90 डॉलर प्रति औंस तक चला गया था। हालांकि जानकारों का मानना है कि सोने में निवेश करने का यह सुनहरा मौका है। सलाहकार संस्थाएं अपने ग्राहकों को समझा रही हैं कि वे लंबे समय को देखते हुए सोने में निवेश करें। इन संस्थाओं के अनुसार सोने के इस सबसे बड़े उपभोक्ता देश में दीवाली के समय मांग बढ़ने से इसके भाव में दोबारा तेजी लौटेगी। (BS Hindi)

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