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15 सितंबर 2008

सोने की मांग बढ़ने की उम्मीद

मुंबई September 15, 2008
त्योहारों के मौसम के नजदीक होने के बीच सोने में आई कमजोरी के चलते इसके कारोबारियों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में सोने की खरीदारी में जबरदस्त इजाफा होगा।
बांबे बुलियन एसोसियशन के सुरेश हुंडिया के मुताबिक, आने वाले त्योहारी मौसम में सोने की कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस समय सोने की कीमतों में काफी कमी हो चुकी है जिसके चलते भी इसकी मांग में वृद्धि हो सकती है। गौरतलब है कि सोने की कीमत 15 जुलाई को अब तक के अपने सर्वोच्च स्तर 13,764 रुपये प्रति 10 ग्राम तक चली गई थी। लेकिन 13 सितंबर को यह घटकर 11,415 रुपये प्रति 10 ग्राम तक चली गई। जानकारों का कहना है कि सोने की कीमतों में हुई यह कमी ग्राहकों के लिए राहत का सबब है। इससे आगामी त्योहारों में सोने की खासी मांग रहने की उम्मीद जताई जा रही है।इस महीने की शुरुआत में कारोबारियों और जूलरियों का अनुमान था कि सोने की खरीदारी में तेजी से बढ़ोतरी होगी। लेकिन पहले हफ्ते में ऐसा नहीं हुआ। एनसीडीईएक्स के अर्थशास्त्री एम. एस. गोखले ने बताया कि दूसरे हफ्ते से जरूर सोने की मांग में वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि सोने की कीमत दीवाली तक 10,800 से 11,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच चले जाने की संभावना है। हुंडिया ने बताया कि इस साल सोने की मांग में वृद्धि की संभावना के मद्देनजर इसके आयात में बढ़ोतरी हुई है। अगस्त 2007 में जहां 69 टन सोने का आयात हुआ था वहीं अगस्त 2008 में यह बढ़कर 98 टन तक चला गया।इस महीने सोने की मांग पिछले कई साल की औसत मांग का 5 से 10 गुना रही है। गोखले ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में कमी और कई अन्य विदेशी मुद्राओं की तुलना में डॉलर के मजबूत होने से अगस्त के अंतिम हफ्ते में सोने की रेकॉर्ड मांग रही। दुनिया के तीसरे सबसे बड़े सोना निर्यातक तुर्की द्वारा अगस्त में रेकॉर्ड 45 टन सोना आयात करने से अंतरराष्ट्रीय सर्राफा बाजार में सोने की उपलब्धता कम हो चुकी है। इससे सर्राफा बाजार में अदा किए जाने वाले प्रीमियम में काफी बढ़ोतरी हुई है। भारत में सोना सामान्यत: पश्चिमी और यूरोप के देशों के यहां से आयात किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत पिछले गुरुवार को एक साल के न्यून स्तर तक चली गई। बाजार में सोने की कीमत 750 डॉलर प्रति औंस से कम रह गई। जानकारों के अनुसार कच्चे तेल के कम होने से निवेशकों ने अपने हाथ सोने से खींचकर कच्चे तेल में लगा दिया। इस समय डॉलर पिछले साल भर में सबसे मजबूत स्थिति में है। सितंबर महीने में अब तक सोने में किसी भी दिन मजबूती नहीं देखी गई है। 28 अगस्त के बाद के 9 कारोबारी सत्रों में सोने में 90 डॉलर से अधिक की कमी हो चुकी है। सोने की कीमत फिलहाल अपने रेकॉर्ड स्तर से 25 फीसदी नीचे चल रहा है।सर्राफा विश्लेषक अमित झावेरी ने बताया कि वाकई में सोने की कीमत खराब दौर से गुजर रही है। लेकिन डॉलर में सुधार के चलते कमी आने, कच्चे तेल के फिर से मजबूत होने और शादी-विवाह और त्योहारी मौसम के दौरान सोने की मांग में वृद्धि होने से सोने में कुछ समय के लिए उछाल आ सकता है। (BS Hindi)

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