कुल पेज दृश्य

15 सितंबर 2008

आगामी सीजन के दौरान रुई में तेजी के आसार

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा कॉटन के नयूनतम समर्थन मूल्य में इजाफा करने से आने वाले दिनों में इसकी कीमतों में आग लग सकती है। माना यह जा रहा है कि केंद्र सरकार के इस कदम से रुई की कीमतों में करीब पांच फीसदी की तेजी देखी जा सकती है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अक्टूबर से शुरू होने वाले नए कपास वर्ष के लिए कॉटन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में तगडा इजाफा किया है। ऐसे में इसकी आगामी सीजन के शुरूआती कारोबार में इसकी कीमेतें करीब पांच फीसदी तक बढ़ सकती हैं। इस दौरान वैव्श्रिक स्तर पर भी कॉटन में तेजी आने के कयास लगाए जा रहे हैं। जिसका घरलू बाजार पर असर पड़ने की ज्यादा संभावना है। इटरनेशनल कॉटन एडवायजरी कमेटी के अनुमान के मुताबिक इस साल कॉटन के वैव्श्रिक उत्पादन में गिरावट आ सकती है। जिसका कीमतों पर असर पड़ना तय है। इस दौरान केंद्र सरकार ने कॉटन के एमएसपी में तगड़ा इजाफा किया है। लॉग स्टेपल कॉटन की कीमतों को 2030 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये `िंटल कर दिया गया है। जबकि मध्यम स्टेपल के एमएसपी को 1800 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये `िंटल कर दिया गया है। आईसीएसी के अनुमान के मुताबिक इस साल कॉटन के वैव्श्रिक उत्पादन में करीब छह फीसदी की कमी आने से यह 2.47 करोड़ टन रह सकता है। हालांकि घरलू स्तर पर कॉटन के उत्पादन में मामूली बढ़त की संभावना जताई जा रही है। सरकारी अनुमान के मुताबिक आगामी सीजन के दौरान देश में करीब 3.20 करोड़ गांठ (एक गांठ में 170 किलो) कॉटन का उत्पादन रह सकता है। चालू सीजन के दौरान यहां करीब 3.15 करोड़ गांठ कॉटन का उत्पादन हुआ है। हालांकि जानकारों का मानना है कि आगामी सीजन के दौरान मंडियों में कॉटन की आवक प्रभावित हो सकती है। कॉटन कापरेरशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक सुभाष ग्रोवर के मुताबिक जनवरी के बाद मंडियों में कॉटन की आवक में कमी आ सकती है। घरलू बाजार में मौजूदा समय में कॉटन के खपत का स्तर करीब 2.40 करोड़ गांठ है।इस दौरान अमेरिकी कृषि विभाग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में अमेरिकी कॉटन निर्यात और वैव्श्रिक खपत में की आने की संभावना जताई है। जानकारों के मुताबिक यह कमी वैव्श्रिक सतर पर आर्थिक धीमेपन की प्रतिक्रिया है। यूएसडीए ने वैव्श्रिक खपत 12.45 करोड़ गांठ के पूर्व अनुमान के मुकाबले 12.37 करोड़ गांठ रहने की संभावना जताई है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी कॉटन निर्यात का स्तर 1.50 करोड़ गांठ से घटकर 1.45 करोड़ गांठ रह सकता है। जबकि उत्पादन का स्तर 13.7 करोड़ गांठ की तुलना में करीब 13.8 करोड़ गांठ रहने का अनुमान है। यूएसडीए ने अंतिम स्टॉक अनुमान को 5.09 करोड़ गांठ से बढ़ाकर 5.23 करोड़ गांठ रहने की संभावना जताई है। (Business Bhaskar)

कोई टिप्पणी नहीं: