15 सितंबर 2008
एमएसपी बढ़ने से बाजर में तेजी के आसार
केंद्र सरकार द्वारा बाजार का समथर्न मूल्य में इजाफा करने से आने वाले दिनों में इसमें तगड़ी तेजी देखी जा सकती है। मौजूदा समय में हरियाणा की मंडियों में सरकारी एजेंसियों द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू हो चुकी है। माना यह जा रहा है कि आने वाले दिनों में दूरसर राज्यों में भी खरीद शुरू होने से बाजर की कीमतें बढ़ सकती हैं। इस वर्ष देश में बाजर का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले कम तो नहीं होगा लेकिन इसमें ज्यादा बढ़ोतरी की गुंजाइश भी नहीं है। राजस्थान में साल 38 लाख टन बाजर की पैदावार होने की संभावना है। देशभर में बाजर का उत्पादन एक करोड़ टन ज्यादा होने का अनुमान है। हालांकि विव्श्र बाजार में भारत का हिस्सा मात्र पांच फीसदी का है क्योंकि घरलू बाजार में ही बाजर की काफी खपत हो जाती है। पिछले वर्ष देश से करीब पचास हजार क्विंटल बाजर का निर्यात हुआ था। इस वर्ष भी बाजर का निर्यात जारी है। पर अब निर्यातक बाजर को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं है। निर्यातकों का कहना है कि इस बार बाजर के भाव एक हजार रुपए क्विंटल तक पहुंचने की संभावना है। इस भाव पर निर्यात पड़ता नहीं खाएगा क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में आस्ट्रेलिया और सुडान जैसे देश कम भावों पर बाजरा बेच रहे हैं। भारत से 850 रुपए क्विंटल के भाव कांडला पोर्ट से निर्यात किया गया है।पिछले माह देश की सभी मंडियों में बाजर के भाव ऊंचे थे। गुजरात और राजस्थान में बाजर के औसत भाव 729 रुपए `िंटल थे। हरियाणा में 671 रुपए क्विंटल के भाव बिक रहा था। उत्तरप्रदेश में भाव 610 रुपए बोले जा रहे थे और दिल्ली में इसके औसत भाव 672 रुपए क्विंटल थे। मध्यप्रदेश में बाजर के औसत भाव 780 रुपए क्विंटल दर्ज किए गए थे। वहीं महाराष्ट्र और कर्नाटक में इसके भाव क्रमश: 873 और 893 रुपए क्विंटल थे। अगस्त के अंतिम सप्ताह में नए बाजर की आवक से भावों में भावों में साठ रुपए क्विंटल की गिरावट आ गई थी। खासतौर पर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में बाजर के भाव पांच से सात प्रतिशत उतर गए। 10 सितंबर को राजस्थान में बाजर के औसत भाव 687 रुपए, मध्यप्रदेश में 726 और महाराष्ट्र में 821 रुपए क्विंटल थे। इस दैरान दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बाजर के भाव एक फसदी घटे। अब हालत फिर बदले हैं।हरियाणा में सरकारी एजेसिंयों द्वारा 840 रुपए क्विंटल के समर्थन मूल्य पर बाजर की खरीद शुरू होने से फिर से बाजर के भावों में 50 से 60 रुपए क्विंटल की मजबूती आ गई है। खासतौर पर हरियाणा और इसके आसपास के इलाकों की मंडियों में बाजरा 750 रुपए क्विंटल तक बेचा जा रहा है। पिछले वर्ष की तुलना में देखें तो यह भाव बीस फीसदी तक ऊंचे हैं। समर्थन मूल्यों पर खरीद शुरू होने के बाद से हरियाणा की मंडियों में बाजर की आवक दैनिक 20000 बोरी तक पहुंच गई है। हरियाणा में भिवानी, हांसी, बाहदुरगढ़, होडल जैसी मंडियों में बाजर की आवक तेजी से बढ़ी है। उत्तर प्रदेश की मंडियों की हाथरस, अलीगढ़, छतरा और मैनपुरी की मंडियों में दैनिक आवक 2500 बोरी तो राजस्थान की मंडियों में 1500 बोरी तक आवक हो रही है। बाजर के भाव दीपावली के बाद एक हजार रुपए का स्तर भी तय कर सकते हैं। ऐसे में बाजर में निवेश फायदे का सौदा हो सकता हैं। (Business Bhaskar)
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