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06 जून 2012

उपभोक्ता मामलात मंत्रालय एमएसपी वृद्धि के खिलाफ

खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी के प्रस्ताव का उपभोक्ता मामले मंत्रालय विरोध कर रहा है। मंत्रालय का मानना है कि इससे खाद्यान्नों की कीमतों में तेजी आएगी। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने खरीफ सीजन की फसलों के एमएसपी में 15.7 से 53 फीसदी की बढ़ोतरी करने की सिफारिश की है।

उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीएसीपी ने खरीफ फसलों के एमएसपी में 15.7 से 53 फीसदी की बढ़ोतरी करने की सिफारिश की है। इससे खाद्यान्नों की कीमतों में तेजी आने की आशंका है इसीलिए मंत्रालय ने एमएसपी में बढ़ोतरी का विरोध किया है। सीएसीपी ने सबसे ज्यादा बढ़ोतरी ज्वार के एमएसपी में 53 फीसदी करने की सिफारिश की गई है।

ज्वार का एमएसपी 980 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये प्रति क्विंटल और बाजरा का 980 रुपये से बढ़ाकर 1,175 रुपये प्रति क्विंटल तय करने की सिफारिश की गई है। धान के एमएसपी में 15.7 फीसदी और रागी के एमएसपी में 43 फीसदी की बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है। उन्होंने बताया कि खरीफ दलहनों के एमएसपी में भी 25 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी करने की सिफारिश की गई है।

जबकि घरेलू बाजार में दलहन और खाद्य तेलों के दाम पहले ही ऊंचे बने हुए हैं। एमएसपी में बढ़ोतरी से इनके दाम और बढऩे की संभावना है। सीएसीपी ने अरहर के एमएसपी को 25 फीसदी बढ़ाकर 4,000 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की गई है। जबकि उड़द के एमएसपी को 3,300 रुपये से बढ़ाकर 4,300 रुपये और प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की गई है। (Business Bhaskar.....R S Rana)

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