नई दिल्ली September 02, 2008
खुले बाजार में गेहूं की बिक्री केबारे में अंतिम फैसला लेने के लिए सचिवों की समिति आज बैठक करेगी।
त्योहारी मौसम में गेहूं की खुले बाजार में बिक्री से इसकी कीमतों में नरमी आएगी और इससे महंगाई को काबू करने में मदद मिलेगी। अक्सर देखा जाता है कि त्योहारी मौसम में खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छूने लगते हैं। 16 अगस्त को समाप्त हफ्ते में मुद्रास्फीति की दर 12.40 फीसदी के स्तर पर थी और यह 90 के दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। थोक मूल्य सूचकांक में गेहूं का भारांक 1.38 फीसदी का है। 21 अगस्त को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी ने खुले बाजार में गेहूं बेचने की योजना को मंजूरी दे दी थी और इस बाबत गेहूं की मात्रा व बिक्री का समय तय करने की जिम्मेदारी सचिवों की समिति को सौंप दी थी। सूत्रों का कहना है कि कुछ हफ्ते में गेहूं की बिक्री शुरू कर दी जाएगी क्योंकि त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है। सूत्रों ने बताया कि खाद्य व जन वितरण विभाग सचिवों की सिफारिश के आधार पर गेहूं की बिक्री का आदेश भारतीय खाद्य निगम को देगा।भारतीय खाद्य निगम राज्य सरकारों के लिए गेहूं की कीमत तय करेगी और इसके बाद राज्य सरकार खुदरा ग्राहकों को गेहूं बेचेगी। इस तरह बेची जाने वाली गेहूं की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होगी। (BS Hindi)
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