नई दिल्ली। मक्के के वैव्श्रिक उत्पादन में गिरावट की आशंका जताई जा रही है। इंटरनेशनल ग्रेन काउिंसल के मुताबिक साल 2008-09 के दौरान दुनिया भर में पैदा होने वाले मक्के उत्पादन में 1.40 फीसदी की गिरावट आ सकती है। भारत में बाढ़ से मक्का का उत्पादन प्रभावित हो सकता है।गौरतलब है कि पिछले साल मक्के का वैव्श्रिक उत्पादन का स्तर करीब 78.5 करोड़ टन था। इंटरनेशनल ग्रेन कांउसिल के अनुमान के मुताबिक साल 2008-09 के दौरान दुनिया में करीब 77.4 करोड़ टन मक्के का उत्पादन हो सकता है। इस दौरान अमेरिका में करीब 30.5 करोड़ टन मक्के का उत्पादन होने की उम्मीद है। माना यह जा रहा है कि उत्पादक इलाकों में मक्के के रकबे में करीब 4.53 फीसदी की कमी आ सकती है। ऐसे में रकबा का स्तर करीब 6.95 करोड़ हैक्टेयर रहने का अनुमान है। साल 2007-08 के दौरान भारत में करीब 1.931 करोड़ टन मक्के का उत्पादन हुआ है। हालांकि इसके बावजूद घरलू बाजारों में इस साल मक्के की कीमतें असमान पर देखी गई। मुख्य रूप से निर्यात में तगड़ा इजाफा होने की वजह से चालू साल के दौरान भारत में मक्के के भाव में करीब 45 फसदी का इजाफा देखा गया है। घरलू कीमतें बढ़ती देख सरकार ने जुलाई में मक्के के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस साल के दौरान भारत से करीब 28 लाख टन से ज्यादा मक्के का निर्यात हुआ है। जबकि पिछले साल के दौरान कुल चार लाख टन मक्के का निर्यात हुआ था। इस दौरान बिहार में आई बाढ़ की वजह से भी भारत में मक्के के कुल उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। चंपारण के मक्का किसान और कारोबारी अनिल अग्रवाल के मुताबिक बिहार में आई बाढ़ की वजह से करीब चालीस हजार हैक्टेयर में मक्के की फसल को नुकसान होने की आशंका है। राज्य सरकार के मुताबिक राज्य में करीब 2.73 लाख हैक्टेयर में मक्के की बुवाई हुई है। उल्लेखनीय है कि बिहार के मधेपुरा, सहरसा, कटिहार, सुपोल और अररिया के कई इलाके पूरी तरह से बाढ़ में डूब गए हैं। (Business Bhaskar)
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