नई दिल्ली September 04, 2008
त्योहारी सीजन शुरू होने के साथ ही धनिये की कीमत में उछाल की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे मौके पर घरेलू बाजार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी धनिया की मांग और खपत बढ़ जाती है।
इसके अलावा हाजिर बाजार में धनिये की सप्लाई कम हो रही है क्योंकि पिछले दो साल से इसकी पैदावार में खासी कमी आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन वजहों से कीमतों में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। कारोबारियों का कहना है कि अगले हफ्ते धनिया की कीमत में 4-5 रुपये प्रति किलो का उछाल हो सकता है। उन्होंने कहा कि नई फसल आने तक इसकी कीमत में उछाल का सिलसिला जारी रह सकता है। इसकी बुआई अक्टूबर में शुरू होगी और फरवरी से पहले नई फसल नहीं आने वाली। कोटा स्थित एक व्यापारी ने बताया कि पिछले दो साल से पैदावार में हो रही गिरावट के चलते अनुमान है कि पिछला स्टॉक करीब 47-48 हजार टन का रह गया है।इसके अलावा साल 2007-08 में धनिये की पैदावार में करीब 50-60 हजार टन की गिरावट आई है। गौरतलब है कि एक साल पहले 2.6 लाख टन धनिया की पैदावार हुई थी। गणेश चतुर्थी से शुरू हुआ त्योहारों का सिलसिला अगले दो महीने तक जारी रहेगा। आने वाले महीनों में कई त्योहार मसलन दुर्गापूजा, दीवाली, छठ पूजा आदि का आयोजन होना है। ऐसे मौके पर मसालों की खपत बढ़ जाती है। चूंकि धनिया मसाले का मुख्य अवयव है, लिहाजा खपत बढ़ने के साथ इसकी कीमत में उछाल की संभावना है। राजस्थान के कोटा मंडी में धनिया केकारोबार से जुड़े फालोडी ट्रेडर्स के मालिक महावीर गुप्ता ने फोन पर बताया कि गुरुवार को धनिया बादामी की कीमत 84-8500 रुपये प्रति क्विंटल रही जबकि ईगल ब्रांड 8700 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर रहा। व्यापारियों को उम्मीद है कि नवंबर के आखिरी सप्ताह या फिर दिसंबर के शुरुआती सप्ताह में धनिया की कीमत 10 हजार रुपये प्रति क्विंटल को पार कर जाएगी। बाजार के जानकारों का कहना है कि स्टॉक में कमी के चलते पिछले छह महीने में धनिया की कीमत दोगुनी हो गई है।भारत धनिया का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। राजस्थान और मध्य प्रदेश धनिया उत्पादन में अग्रणी हैं और ज्यादातर उपज इन्हीं दो राज्यों से आती है। धनिया की कीमत का असली दारोमदार आने वाली फसल पर है।अगर बुआई अच्छी हुई तो फिर नए साल में धनिया नरम रह सकता है। रामगंज मंडी के एक व्यापारी अंकित ने बताया कि अगर कीमत में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहता है तो फिर धनिया की बुआई क्षेत्र में भी इजाफा हो सकता है। (BS Hindi)
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