नई दिल्ली September 15, 2008
खाद्य मंत्रालय की नोटिस के जवाब नहीं देने वाली चीनी मिलों पर गाज गिर सकती है। मंत्रालय उन 42 चीनी मिलों के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है, जिन्होंने पिछले महीने जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया है।
खाद्य मंत्रालय ने 13 अगस्त को 252 चीनी मिलों को नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया था कि अगर उन्होंने 25 अगस्त तक मई-जुलाई अवधि के लिए 20 लाख टन के अलग किए गए बफर स्टॉक के बारे में मासिक रिटर्न जमा नहीं कराया तो उनके खिलाफ आवश्यक सामग्री कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा - जिन 252 मिलों को नोटिस जारी किया गया है उनमें से कम से कम 42 मिलों ने कोई जवाब नहीं दिया है। इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इन मिलों के स्टॉक को लेवी शुगर में परिवर्तित किया जा सकता है।उद्योग सूत्रों ने बताया कि नोटिस का जवाब न भेजने वाली चीनी मिलों में से अधिकांश मिलें उत्तर प्रदेश की हैं जबकि महाराष्ट्र में ऐसी 10 मिलें हैं। चीनी मिलों को बफर स्टॉक में से बेची गई मात्रा के बारे में 31 जुलाई तक रिटर्न दाखिल करने के लिए कहा गया था। उन्हें 10 अगस्त तक जुलाई में बेची गई मात्रा के बारे में रिपोर्ट करने के लिए भी कहा गया था। चीनी मिलों को मई-सितंबर की अवधि के दौरान बगैर मासिक रिलीज ऑर्डर को प्राप्त किए भी किसी भी समय घरेलू बाजार में 20 लाख टन के बफर स्टॉक को बेचने की अनुमति दी गई थी। पिछले वर्ष जो 50 लाख टन का बफर स्टॉक बनाया गया था उसमें से 20 लाख टन को अप्रैल 2008 में अलग किया गया था और जुलाई में 30 लाख टन अलग किया गया।इस बीच सरकार ने चीनी मिलों को इस महीने के अंत तक अलग किए गए स्टॉक में से 27.5 लाख टन की बिक्री पूरी करने को कहा है और चेतावनी दी है कि बेची न जा सकने वाली चीनी की मात्रा को लेवी चीनी में परिवर्तित कर दिया जाएगा।8 सितंबर को जारी की गई अधिसूचना में खाद्य मंत्रालय ने कहा कि निर्धारित तिथि के आगे जो भी मात्रा बगैर बिके या गैर-डिस्पैच के रह जाएगी, वह मात्रा खुद ब खुद लेवी शुगर में परिवर्तित हो जाएगी। लेवी शुगर केंद्रीय भंडार के पास आता है, जिसे राशन की दुकानों के जरिए सस्ती दरों पर बेचा जाता है। जुलाई महीने में केंद्र ने मिलों से कहा था कि वे इस महीने के अंत तक 30 लाख टन के बफर स्टॉक में से 25 प्रतिशत की बिक्री कर दें। खाद्य मंत्रालय ने चीनी मिलों द्वारा दाखिल किए गए बयान के संदर्भ में पहले ही जांच शुरू कर दी है तथा गन्ना आयुक्तों और केंद्रीय आबकारी अधिकारियों को खुले बाजार में बेची गई मात्रा की जांच करने को कहा है। (BS Hindi)
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