नई दिल्ली September 04, 2008
आपूर्ति कम होने और निर्यात मांग में अचानक तेजी आने से वायदा बाजार में गुरुवार को जीरे की कीमतों में 1.47 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
एनसीडीईएक्स में सितंबर महीने का अनुबंध 1.47 फीसदी चढ़कर 11,965 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया जबकि अक्तूबर महीने के अनुबंध में 1.64 फीसदी की मजबूती आई और भाव 12,205 रुपये प्रति क्विंटल तक चढ़ गए।नवंबर अनुबंध भी 1.34 प्रतिशत की तेजी के साथ 12,386 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। रेलीगेयर कमोडिटीज के विश्लेषक अजितेष मलिक के मुताबिक, निर्यात मांग में हुई अचानक तेजी का वायदा कारोबार पर असर पड़ा है। बकौल मलिक हाजिर बाजार में अभी कम आपूर्ति हो रही है। वहीं मुंबई के एक निर्यातक ने बताया कि दक्षिण अमेरिका के निवेशकों ने यहां खरीदारी करनी शुरू कर दी है।प्रमुख निर्यातक जैब्स इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक भास्कर शाह ने कहा कि आने वाले दिनों में निर्यात बढ़ने की संभावना है क्योंकि इस समय दुनिया के बाकी हिस्सों में जीरा उपलब्ध नहीं है। दूसरी ओर, देश में अभी इतना जीरा है कि अगले आठ महीनों तक वह इसका निर्यात कर सकता है।वित्त वर्ष 2008-09 के पहले 4 महीनों में ही यहां का जीरा निर्यात तिगुना होकर 17,750 टन हो गया। मालूम हो कि पिछले साल इस दौरान 5,600 टन का निर्यात हुआ था। विदेशी मांग और बढ़ने की उम्मीद को देखते हुए निवेशक अक्तूबर महीने के अनुबंध में निवेश बढ़ा रहे हैं।सितंबर महीने में ओपन इंटरेस्ट केवल 6,834 रहा जबकि सितंबर की तुलना में अक्टूबर महीने में ओपन इंटरेस्ट दोगुने से भी अधिक यानी 14,019 रहा। हालांकि गुजरात की ऊंझा मंडी में जीरे का हाजिर भाव इसके वायदा भाव से कहीं ऊपर 12,366 रुपये प्रति क्विंटल पर चल रहा है। (BS Hindi)
05 सितंबर 2008
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