नई दिल्ली, 30 अगस्त। फ्लोर मिलों की मांग घटने से आज जहां गेहूं के भावों में 10 से 15 रूपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई वहीं मक्का व बाजरे में स्टार्च व पोल्ट्री वालों के साथ-साथ स्टॉकिस्टों की खरीद न होने से 20 से 25 रूपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार गेहूं उत्पादों में कमजोर मांग से मिलें सीमित मात्रा में खरीददारी कर रही है। दिल्ली बाजार में आज गेहूं की आवक करीब 16 हजार बोरियों की हुई तथा उठाव न होने से इसके भाव घटकर 1050 से 1055 रूपये प्रति क्विंटल रह गये।
मक्का की नई फसल की आवकें उत्तर प्रदेश की एटा व कासगंज लाईन से शुरू हो गई है लेकिन नये मालों में नमी की मात्रा ज्यादा आ रही है साथ ही नई फसल की क्वालिटी भी काफी हल्की आ रही है। नई मक्का में नमी की मात्रा ज्यादा होने से स्टॉकिस्ट अभी खरीद नहीं कर रहे हैं तथा स्टॉर्च व पोल्ट्री की मांग भी सीमित मात्रा में होने से यहां इसके भावों में 20 से 25 रूपये प्रति क्विंटल की गिरावट आकर भाव 870 रूपये प्रति क्विंटल रह गये। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार चालू खरीफ सीजन में अभी तक मक्का की बिजाई 69.5 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जोकि गत वर्ष के मुकाबले 2.3 लाख हैक्टेयर कम है। ज्ञात हो कि गत वर्ष की समान अवधि में देश में मक्का की बिजाई 72.8 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
नये बाजरे की आवक दिल्ली बाजार में इस समय हरियाणा की हिसार व रेवाड़ी लाईन से तथा उत्तर प्रदेश की हाथरस व मथुरा लाईनों से हो रही है। मांग कमजोर होने से आज यहां नये बाजरे के भाव घटकर 700 रूपये प्रति क्विंटल व पुराने बाजरे के भाव 785 रूपये प्रति क्विंटल रह गये। अगले आठ-दस दिनों में आवकों का दबाव बनने पर इसके भावों में और भी गिरावट की संभावना है।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ो में बाजरे की बिजाई चालू फसल सीजन में अभी तक 74.8 लाख हैक्टेयर में हुई है जोकि गत वर्ष की समान अवधि के मुकाबले कम है। गत वर्ष की समान अवधि में देश में इसकी बिजाई 81.7 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार बिजाई क्षेत्रफल में कमी तो आई है लेकिन बाजरे के प्रमुख उत्पादक राज्यों हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में मौसम फसल के अनुकूल रहा है जिससे इस बार प्रति हैक्टेयर उत्पादन गत वर्ष के मुकाबले बढ़ने की संभावना है। (R S Rana)
मक्का की नई फसल की आवकें उत्तर प्रदेश की एटा व कासगंज लाईन से शुरू हो गई है लेकिन नये मालों में नमी की मात्रा ज्यादा आ रही है साथ ही नई फसल की क्वालिटी भी काफी हल्की आ रही है। नई मक्का में नमी की मात्रा ज्यादा होने से स्टॉकिस्ट अभी खरीद नहीं कर रहे हैं तथा स्टॉर्च व पोल्ट्री की मांग भी सीमित मात्रा में होने से यहां इसके भावों में 20 से 25 रूपये प्रति क्विंटल की गिरावट आकर भाव 870 रूपये प्रति क्विंटल रह गये। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार चालू खरीफ सीजन में अभी तक मक्का की बिजाई 69.5 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जोकि गत वर्ष के मुकाबले 2.3 लाख हैक्टेयर कम है। ज्ञात हो कि गत वर्ष की समान अवधि में देश में मक्का की बिजाई 72.8 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
नये बाजरे की आवक दिल्ली बाजार में इस समय हरियाणा की हिसार व रेवाड़ी लाईन से तथा उत्तर प्रदेश की हाथरस व मथुरा लाईनों से हो रही है। मांग कमजोर होने से आज यहां नये बाजरे के भाव घटकर 700 रूपये प्रति क्विंटल व पुराने बाजरे के भाव 785 रूपये प्रति क्विंटल रह गये। अगले आठ-दस दिनों में आवकों का दबाव बनने पर इसके भावों में और भी गिरावट की संभावना है।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ो में बाजरे की बिजाई चालू फसल सीजन में अभी तक 74.8 लाख हैक्टेयर में हुई है जोकि गत वर्ष की समान अवधि के मुकाबले कम है। गत वर्ष की समान अवधि में देश में इसकी बिजाई 81.7 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार बिजाई क्षेत्रफल में कमी तो आई है लेकिन बाजरे के प्रमुख उत्पादक राज्यों हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में मौसम फसल के अनुकूल रहा है जिससे इस बार प्रति हैक्टेयर उत्पादन गत वर्ष के मुकाबले बढ़ने की संभावना है। (R S Rana)
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