नई दिल्ली। चावल मिलों के साथ ही स्टॉकिस्टों की मांग कमजोर होने से मंगलवार को पंजाब, हरियाणा के साथ ही दिल्ली की नरेला मंडी में धान के दाम स्थिर बने रहे। उत्तर भारत के राज्यों में पिछले तीन दिनों से रुक रुक बारिश हो रही है, जिस मंडियों में धान की आवक नाममात्र की ही हो रही है। अत: खराब मौसम के कारण बासमती चावल में मांग कमजोर बनी रही।
हरियाणा की करनाल मंडी में आज धान की आवक 1,000 से 1,200 बोरियों की हुई जबकि पूसा 1,121 धान के दाम 2800-3100 रुपये और ट्रेडिशनल बासमती धान के भाव 4,550 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। मंडी के धान कारोबारी ने बताया कि खराब मौसम के कारण मंडियों में धान की आवक नाममात्र की हो रही है। उन्होंने बताया कि सोमवार को धान की कीमतों में हल्का सुधार आया था, लेकिन बढ़े भाव में मिलों की ग्राहकी कमजोर रही। उन्होंने कहा कि मौसम साफ होने के बाद आवकोें में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकिन अब ज्यादा आवक की उम्मीद नहीं है। मौसम साफ होने के बाद ग्राहकी बढ़ने की उम्मीद है, जिससे भाव में सुधार बन सकता हैं
भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई चालू खरीफ विपणन सीजन 2020—21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर अभी तक 500.07 लाख टन धान की खरीद कर चुकी है।
उत्तर भारत के राज्यों में लगातार तीसरे दिन खराब मौसम बना रहा, तथा सुबह से रुक रुक कर अधिकांश क्षेत्रों में बूंदा बांदी होती रही। इसका असर नया बाजार के साथ ही पंजाब और हरियाणा से बासमती चावल के व्यापार पर पड़ा, आज इन राज्यों में ग्राहकी कमजोर बनी रहने से दाम भी स्थिर रहे। किसान आंदोलन का असर भी व्यापार को प्रभावित कर रहा है।
05 जनवरी 2021
चावल के साथ धान में कमजोर मांग से भाव स्थिर, खराब मौसम से व्यापार कम
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