नई दिल्ली। राजस्थान के साथ ही अन्य उत्पादक राज्यों की मंडियों में आज सरसों की कीमतों में गिरावट का सिलसिला न केवल जारी रहा बल्कि तेज भी हुआ। आज एक दिन में सरसों की कीमतों में 250 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई, जबकि पिछले दो कारोबारी सत्रों में 450 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आ चुका है। उत्पादन अनुमान ज्यादा होने से कीमतों में मंदा बना हुआ है। सरसों तेल और खल की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई। साथ ही वायदा कारोबार में कीमतों में मंदा आया। देश भर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक 60,000 बोरियों से बढ़कर 75,000 बोरी हो गई।
अगले महीने नई फसल की आवक शुरू हो जायेगी, इसलिए स्टॉकिस्टों की बिकवाली सरसों में पहले की तुलना में बढ़ गई है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के साथ ही अन्य उत्पादक राज्यों में हाल ही में हुई बारिश से सरसों के उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी की संभावना है। अत: उत्पादन अनुमान ज्यादा होने के कारण तेल मिलें भी सीमित मात्रा में ही खरीददारी कर रही हैं, जिससे गिरावट को बल मिला।
जयपुर में 42 फीसदी कंडीशन की सरसों में आज करोबार 6150-6155 रुपये प्रति क्विंटल इसमें जीएसटी अलग की दर से हुआ जबकि इससे पहले कारोबारी दिवस में भाव 6400-6405 रुपये प्रति क्विंटल की दर से व्यापार हुआ था। सरसों तेल की कीमतें भी घटकर जयपुर में 1231-1232 रुपये प्रति 10 किलो रह गई जबकि आसपास के क्षेत्रों में भाव 1221-1222 रुपये प्रति 10 किलोग्राम पर हुआ। इससे पहले कारोबारी दिवस में जयपुर में सरसों तेल में व्यापार 1260-1261 और आसपास के क्षेत्रों में 1250-1251 रुपये प्रति 10 किलोग्राम पर व्यापार हुआ था। सरसों खल के दाम घटकर आज 2525-2530 रुपये प्रति क्विंटल रह गए जबकि इसके पहले कारोबारी दिवस में इसमें 2575-2580 रुपये प्रति क्विंटल की पर व्यापार हुआ था।
देश भर की मंडियों में सरसों की कुल आवक 75,000 क्विंटल की हुई। राज्य के हिसाब से राजस्थान में 40,000, एमपी में 5,000, यूपी में 10,000, हिमाचल प्रदेश मेें 5,000, गुजरात में 5000 और अन्य राज्य में 10,000 बोरी की आवक हुई।
एनसीडीईएक्स पर सरसों के अनुबंधों में भी आज गिरावट आई। सरसों के भाव जनवरी वायदा में85 रुपये घटकर 5997 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसी तरह से फरवरी अनुबंध में 58 रुपये की गिरावट आकर भाव 5543 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। अप्रैल अनुबंध में भी 33 रुपये का मंदा आकर भाव 5095 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
15 जनवरी 2021
तेल मिलों की मांग घटने से सरसों में गिरावट का रुख जारी, उत्पादन अनुमान ज्यादा
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