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18 जनवरी 2021

चीनी का उत्पादन 142 लाख टन के पार, पिछले साल से 31 फीसदी ज्यादा

नई दिल्ली। चीनी मिलों में जल्द पेराई शुरू होने से चालू पेराई सीजन 2020-21 के पहले साढ़े तीन महीनों पहली अक्टूबर से 15 जनवरी 2021 तक चीनी का उत्पादन 31.98 फीसदी बढ़कर 142.70 लाख टन को हो चुका है जबकि पिछले सीजन में इस दौरान केवल 108.94 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। चालू पेराई सीजन में 487 चीनी मिलों में पेराई चल रही है जबकि पिछले साल इस समय 440 चीनी मिलों में ही पेराई चल रही थी।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में 15 जनवरी 2021 तक 51.55 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 25.51 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था। राज्य में चालू पेराई सीजन में 181 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस समय तक केवल 139 मिलों में ही पेराई आरंभ हो पाई थी।

उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में 120 चीनी मिलों में पेराई चल रही है तथा 15 जनवरी 2021 तक राज्य में 42.99 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 43.78 लाख टन से थोड़ा कम है, पिछले पेराई सीजन में राज्य में 119 मिलों में पेराई चल रही थी।

कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 15 जनवरी तक 29.80 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 21.90 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था।

गुजरात में चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 4.40 लाख टन और  तमिलनाडु में 1.15 लाख टन का उत्पादन हुआ है। अन्य राज्यों, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना, बिहार, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड तथा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को मिलाकर चालू पेराई सीजन में 15 जनवरी 2021 तक 12.81 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।

इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन के पहले तीन महीनों अक्टूबर से दिसंबर अंत तक 3 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ है। केंद्र सरकार ने चालू पेराई सीजन में 60 लाख टन चीनी के निर्यात के लिए मिलों को 600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सब्सिडी देने का निर्णय किया है, इससे आगे निर्यात सौदों में तेजी आने का अनुमान है। इस्मा के अनुसार इस समय इंडोनेशिया के साथ ही मलेशिया की चीनी में आयात मांग बनी हुई है तथा खाड़ी देशों के साथ ही श्रीलंका और बंगलादेश के अलावा पूर्वी अफ्रीकी देशों को अच्छे निर्यात की संभावना है।

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