आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू सीजन में केस्टर सीड की बुवाई में आई कमी से इसकी पैदावार में 18 से 20 फीसदी की कमी आने की आशंका है जबकि केस्टर तेल का निर्यात पिछले साल की तुलना में बढ़ने का अनुमान है। गुजरात की प्रमुख उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड के भाव 3,650 से 3,700 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं तथा आगामी दिनों में इसके भाव बढ़कर 3,900 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल होने की संभावना है। यूरोप में नए साल की छुट्टियां समाप्त हो गई है ऐसे में आगामी दिनों केस्टर तेल में जहां चीन की आयात मांग बढ़ेगी, वहीं यूरोप की मांग भी बढ़ोतरी होगी।
चालू फसल सीजन 2016-17 में केस्टर सीड की बुवाई 24.2 फीसदी कम होकर केवल 8.40 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इसकी बुवाई 11.08 लाख हैक्टेयर में हुई थी। प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में केस्टर सीड की बुवाई में 28 फीसदी की कमी आकर कुल बुवाई केवल 5.65 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। गुजरात में किसानों ने केस्टर सीड के बजाए मूंगफली और दलहन की बुवाई ज्यादा की थी। बुवाई में तो कमी आई ही, साथ ही मौसम भी फसल के अनुकूल नहीं रहा, जिसकी वजह से प्रति हैक्टयेर उत्पादकता में भी कमी आने की आशंका है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्सन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार अक्टूबर के बजाए नवंबर महीने में केस्टर तेल के निर्यात में कमी आई है लेकिन चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान कुल निर्यात पिछले साल की तुलना में ज्यादा ही हुआ है। नवंबर महीने में 35,608 टन केस्टर तेल का निर्यात हुआ है जबकि अक्टूबर महीन में निर्यात 47,211 टन का हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2016-17 के अप्रैल से नवंबर के दौरान केस्टर तेल का निर्यात 3,43,766 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 3,43,082 टन का हुआ था। जानकारों का मानना है कि नवंबर-दिसंबर में निर्यात कम रहा है लेकिन जनवरी से निर्यात मांग में तेजी आने का अनुमान है, तथा चालू वित्त वर्ष में कुल निर्यात पिछले साल की तुलना में ज्यादा ही होने का अनुमान है।
एसईए के अनुसार फसल सीजन 2015-16 में केस्टर सीड का उत्पादन 14.22 लाख टन का हुआ था।.......आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू सीजन में केस्टर सीड की बुवाई में आई कमी से इसकी पैदावार में 18 से 20 फीसदी की कमी आने की आशंका है जबकि केस्टर तेल का निर्यात पिछले साल की तुलना में बढ़ने का अनुमान है। गुजरात की प्रमुख उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड के भाव 3,650 से 3,700 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं तथा आगामी दिनों में इसके भाव बढ़कर 3,900 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल होने की संभावना है। यूरोप में नए साल की छुट्टियां समाप्त हो गई है ऐसे में आगामी दिनों केस्टर तेल में जहां चीन की आयात मांग बढ़ेगी, वहीं यूरोप की मांग भी बढ़ोतरी होगी।
चालू फसल सीजन 2016-17 में केस्टर सीड की बुवाई 24.2 फीसदी कम होकर केवल 8.40 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इसकी बुवाई 11.08 लाख हैक्टेयर में हुई थी। प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में केस्टर सीड की बुवाई में 28 फीसदी की कमी आकर कुल बुवाई केवल 5.65 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। गुजरात में किसानों ने केस्टर सीड के बजाए मूंगफली और दलहन की बुवाई ज्यादा की थी। बुवाई में तो कमी आई ही, साथ ही मौसम भी फसल के अनुकूल नहीं रहा, जिसकी वजह से प्रति हैक्टयेर उत्पादकता में भी कमी आने की आशंका है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्सन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार अक्टूबर के बजाए नवंबर महीने में केस्टर तेल के निर्यात में कमी आई है लेकिन चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान कुल निर्यात पिछले साल की तुलना में ज्यादा ही हुआ है। नवंबर महीने में 35,608 टन केस्टर तेल का निर्यात हुआ है जबकि अक्टूबर महीन में निर्यात 47,211 टन का हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2016-17 के अप्रैल से नवंबर के दौरान केस्टर तेल का निर्यात 3,43,766 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 3,43,082 टन का हुआ था। जानकारों का मानना है कि नवंबर-दिसंबर में निर्यात कम रहा है लेकिन जनवरी से निर्यात मांग में तेजी आने का अनुमान है, तथा चालू वित्त वर्ष में कुल निर्यात पिछले साल की तुलना में ज्यादा ही होने का अनुमान है।
एसईए के अनुसार फसल सीजन 2015-16 में केस्टर सीड का उत्पादन 14.22 लाख टन का हुआ था।.......आर एस राणा
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