आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्रीय पूल में पहली दिसंबर 2016 को 164.96 लाख टन गेहूं का स्टॉक मौजूद है, जबकि दिसंबर से मार्च तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में करीब 100 लाख टन गेहूं का आवंटन होगा, इसके अलावा खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत भी करीब 10 लाख टन गेहूं की खपत हो जायेगी। ऐसे में तय मानकों के अनुसार पहली अप्रैल को केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक 74.6 लाख टन से कम बचेगा। इसलिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को आगामी रबी खरीद सीजन 2017-18 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 300 से 350 लाख टन गेहूं की खरीद करनी होगी।
चालू रबी सीजन में गेहूं की बुवाई बढ़कर 303.16 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 281.70 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। मौसम भी अभी तक अनुकूल है तथा पकाई तक मौसम अनुकूल रहा तो गेहूं का उत्पादन बढ़कर 950 लाख टन से ज्यादा ही होने का अनुमान है। उत्पादन में बढ़ोतरी तो होगी, लेकिन एफसीआई को आगामी रबी विपणन सीजन 2017-18 में एमएसपी पर गेहूं की खरीद 300 लाख टन से ज्यादा ही करनी पड़ेगी, साथ फ्लोर मिलों की खरीद भी बढ़ेगी। इसलिए गेहूं के भाव फसल के समय तेज ही रहने का अनुमान है। पिछले खरीद सीजन में एफसीआई ने केवल 229.61 लाख टन गेहूं की ही खरीद की थी।
कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2015-16 में गेहूं का उत्पादन 935 लाख हुआ था जबकि जानकारों के अनुसार उत्पादन 840 से 850 लाख टन का ही हुआ है। फरवरी-मार्च में बेमौसम बारिश से गेहूं की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी आई थी इसीलिए एफसीआई की खरीद भी तय लक्ष्य 300 लाख टन से कम रही थी। रबी विपणन सीजन 2017-18 के लिए केंद्र सरकार गेहूं का एमएसपी 1,625 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है जबकि पिछले खरीद सीजन में एमएसपी 1,525 रुपये प्रति क्विंटल था।.............आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्रीय पूल में पहली दिसंबर 2016 को 164.96 लाख टन गेहूं का स्टॉक मौजूद है, जबकि दिसंबर से मार्च तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में करीब 100 लाख टन गेहूं का आवंटन होगा, इसके अलावा खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत भी करीब 10 लाख टन गेहूं की खपत हो जायेगी। ऐसे में तय मानकों के अनुसार पहली अप्रैल को केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक 74.6 लाख टन से कम बचेगा। इसलिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को आगामी रबी खरीद सीजन 2017-18 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 300 से 350 लाख टन गेहूं की खरीद करनी होगी।
चालू रबी सीजन में गेहूं की बुवाई बढ़कर 303.16 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 281.70 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। मौसम भी अभी तक अनुकूल है तथा पकाई तक मौसम अनुकूल रहा तो गेहूं का उत्पादन बढ़कर 950 लाख टन से ज्यादा ही होने का अनुमान है। उत्पादन में बढ़ोतरी तो होगी, लेकिन एफसीआई को आगामी रबी विपणन सीजन 2017-18 में एमएसपी पर गेहूं की खरीद 300 लाख टन से ज्यादा ही करनी पड़ेगी, साथ फ्लोर मिलों की खरीद भी बढ़ेगी। इसलिए गेहूं के भाव फसल के समय तेज ही रहने का अनुमान है। पिछले खरीद सीजन में एफसीआई ने केवल 229.61 लाख टन गेहूं की ही खरीद की थी।
कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2015-16 में गेहूं का उत्पादन 935 लाख हुआ था जबकि जानकारों के अनुसार उत्पादन 840 से 850 लाख टन का ही हुआ है। फरवरी-मार्च में बेमौसम बारिश से गेहूं की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी आई थी इसीलिए एफसीआई की खरीद भी तय लक्ष्य 300 लाख टन से कम रही थी। रबी विपणन सीजन 2017-18 के लिए केंद्र सरकार गेहूं का एमएसपी 1,625 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है जबकि पिछले खरीद सीजन में एमएसपी 1,525 रुपये प्रति क्विंटल था।.............आर एस राणा
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