विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन द्वारा दुनिया के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू की पुष्टि करने के चार सप्ताह बाद सऊदी अरब ने अस्थायी रूप से भारत से पोल्ट्री उत्पादों का आयात रोक दिया है। 2 जनवरी 2017 को जारी एक परिपत्र में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने भारतीय पोल्ट्री निर्यातकों को सूचित किया है, 'सऊदी अरब के शाही दूतावास ने जानकारी दी है कि सऊदी अरब के पर्यावरण, जल और कृषि मंत्रालय ने बर्ड फ्लू फैलने के कारण भारत से जीविक पक्षियों, अंडों और चिकन के आयात पर अस्थायी रोक लगाने का फैसला किया है।' यह प्रतिबंध इसलिए भी अहमियत रखता है क्योंकि सऊदी अरब भारत से पोल्ट्री का आयात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारतीय पोल्ट्री निर्यातकों इस बात को लेकर चिंतित है कि अन्य देश भी आयात पर रोक लगा सकते हैं। हालांकि देश के पोल्ट्री उद्योग में कुल निर्यात का 1 फीसदी से भी कम योगदान है, इसलिए सऊदी अरब द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का इस उद्योग पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बलराम यादव ने कहा, 'अगर भारत को बर्ड फ्लू पॉजिटिव देश घोषित किया गया तो अब भारत का अंडों का निर्यात रुक जाएगा। कम घातक बर्ड फ्लू पहले ही हमारे देश में मौजूद है, जो कभी-कभी सिर उठा लेता है।' एपीडा के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान भारत के पोल्ट्री उत्पादों के निर्यात में लगातार बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2013-14 में 9.25 करोड़ डॉलर के पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात किया गया था, जो 2015-16 में बढ़कर 11.74 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है। सऊदी अरब को भी पोल्ट्री उत्पादों के निर्यात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सऊदी अरब को 2013-14 में 79.4 लाख डॉलर के पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात हुआ था, जो 2015-16 में बढ़कर 1.46 करोड़ डॉलर हो गया है। इससे ओमान के बाद सऊदी अरब दूसरा प्रमुख आयातक बन गया है। देश से पोल्ट्री उत्पादों से प्राप्त होने वाले राजस्व में सऊदी अरब करीब 15 फीसदी योगदान देता है, जबकि ओमान का योगदान करीब 26 फीसदी है। इस उद्योग के विशेषज्ञों के मुताबिक बर्ड फ्लू का प्रसार जंगली और प्रवासी पक्षियों से होता है। देश में करीब 15 अरब डॉलर का पोल्ट्री उद्योग है, लेकिन सरकार बर्ड फ्लू का प्रकोप रोकने के लिए टीकाकरण की मंजूरी नहीं देती है। बांग्लादेश सहित बहुत से देशों ने बर्ड फ्लू का प्रकोप रोकने के लिए टीकाकरण की मंजूरी दी है। विशेषज्ञों ने कहा कि भारत मेंं मकान के पिछवाड़े में मुर्गियां पाली जाती हैं, इसलिए सुदूरवर्ती इलाकों में छोटे पोल्ट्री फार्मों पर नजर रखना मुश्किल होता है। पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रमेश खत्री ने कहा, 'भारत से सऊदी अरब को मुर्गियों के चूजों का आयात करना ब्राजील और अमेरिका की तुलना में महंगा पड़ता है। मोटे अनाज और पक्षियों को खिलाए जाने वाले अन्य खाद्य की लागत ब्राजील और अमेरिका में भारत की तुलना में कम है। इसलिए सऊदी अरब द्वारा आयात पर अस्थायी प्रतिबंध लगाए जाने का पोल्ट्री उद्योग पर कोई असर नहीं पडऩे के आसार हैं।' खत्री ने सरकार से आग्रह किया है कि देश को पोल्ट्री फार्मिंग के हिसाब से अलग-अलग क्षेत्रों में बांटा जाए और उन क्षेत्रों को बर्ड फ्लू मुक्त घोषित किया जाए, जहां बर्ड फ्लू पैदा नहीं होता है। उन्होंने कहा, 'इससे उन क्षेत्रों से पोल्ट्री उत्पादों के निर्यात में मदद मिलेगी, जिन्हें बर्ड फ्लू मुक्त घोषित किया जाएगा। वहीं इससे संवेदनशील क्षेत्रों से निर्यात रोका जा सकेगा।' (BS Hindi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें