आर एस राणा
नई दिल्ली। मक्रर सक्रांति के साथ ही आगे ब्याह-शादियों का सीजन शुरु होने वाला है इसीलिए चीनी की कीमतों में तेजी बनी हुई है। बुधवार को दिल्ली में चीनी के भाव बढ़कर 3,900 से 3,950 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि उत्तर प्रदेष में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव बढ़कर 3,850 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। सूत्रों के अनुसार चीनी की कीमतों में और 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने के बाद केंद्र सरकार आयात शुल्क को कम करने या फिर पूरी तरह से समाप्त कर सकती है। इस समय चीनी के आयात पर 40 फीसदी आयात शुल्क है।
विदेशी बाजार में इस समय सफेद चीनी के भाव 552 से 553 डॉलर प्रति टन है जबकि रॉ-शुगर के भाव 540 से 545 डॉलर प्रति टन है। चीनी के आयात पर 40 फीसदी आयात शुल्क है इसलिए मौजूदा भाव में आयात संभव नहीं है। जानकारों के अनुसार केंद्र सरकार आयात शुल्क को कम करके 20 फीसदी करती है तो भी आयात पड़ते नहीं लग पायेंगे, ऐसे में अगर केंद्र सरकार चाहती है कि चीनी का आयात हो तो, फिर आयात शुल्क को शुन्य करना पड़ेगा। हालांकि माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब में चुनाव की तारिखों का एलान हो चुका है, ऐसे में केंद्र सरकार आयात शुल्क को शुन्य करके किसानों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहेगी।
चालू पेराई सीजन 2016-17 में चीनी का उत्पादन कम होने का अनुमान है। केंद्र सरकार के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 225 लाख टन होने का अनुमान है जबकि उद्योग को अनुमान है कि उत्पादन 234 लाख टन होगा। पेराई सीजन के आरंभ में पहली अक्टूबर को देश में चीनी का 77 लाख टन बकाया स्टॉक बचा हुआ था। ऐसे में चीनी की उपलब्धता सालाना खपत 250-255 लाख टन से ज्यादा ही है।..............आर एस राणा
नई दिल्ली। मक्रर सक्रांति के साथ ही आगे ब्याह-शादियों का सीजन शुरु होने वाला है इसीलिए चीनी की कीमतों में तेजी बनी हुई है। बुधवार को दिल्ली में चीनी के भाव बढ़कर 3,900 से 3,950 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि उत्तर प्रदेष में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव बढ़कर 3,850 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। सूत्रों के अनुसार चीनी की कीमतों में और 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने के बाद केंद्र सरकार आयात शुल्क को कम करने या फिर पूरी तरह से समाप्त कर सकती है। इस समय चीनी के आयात पर 40 फीसदी आयात शुल्क है।
विदेशी बाजार में इस समय सफेद चीनी के भाव 552 से 553 डॉलर प्रति टन है जबकि रॉ-शुगर के भाव 540 से 545 डॉलर प्रति टन है। चीनी के आयात पर 40 फीसदी आयात शुल्क है इसलिए मौजूदा भाव में आयात संभव नहीं है। जानकारों के अनुसार केंद्र सरकार आयात शुल्क को कम करके 20 फीसदी करती है तो भी आयात पड़ते नहीं लग पायेंगे, ऐसे में अगर केंद्र सरकार चाहती है कि चीनी का आयात हो तो, फिर आयात शुल्क को शुन्य करना पड़ेगा। हालांकि माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब में चुनाव की तारिखों का एलान हो चुका है, ऐसे में केंद्र सरकार आयात शुल्क को शुन्य करके किसानों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहेगी।
चालू पेराई सीजन 2016-17 में चीनी का उत्पादन कम होने का अनुमान है। केंद्र सरकार के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 225 लाख टन होने का अनुमान है जबकि उद्योग को अनुमान है कि उत्पादन 234 लाख टन होगा। पेराई सीजन के आरंभ में पहली अक्टूबर को देश में चीनी का 77 लाख टन बकाया स्टॉक बचा हुआ था। ऐसे में चीनी की उपलब्धता सालाना खपत 250-255 लाख टन से ज्यादा ही है।..............आर एस राणा
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