आर एस राणा
नई दिल्ली। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने कहां कि देश में चीनी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है अभी चीनी आयात की जरुरत नहीं है, तथा अगर आयात की जरुरत पड़ी तो हम केंद्र सरकार ने आयात शुल्क कम करने या फिर शुन्य करने के लिए लिखेंगे।
इस्मा के अध्यक्ष टी सरिता रेड्डी के अनुसार चालू सीजन में चीनी का उत्पादन 213 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पहले अक्टूबर को 77.5 लाख टन चीनी का बकाया स्टॉक बचा हुथा। ऐसे में देष में चीनी की कुल उलब्धता 290 लाख टन से ज्यादा है जबकि देश में चीनी की सलाना खपत 242 लाख टन की ही होती है। ऐसे में आगामी पेराई सीजन पहली अक्टूबर 2017 को चीनी का बकाया स्टॉक 48 लाख टन से ज्यादा ही बचेगा। इसलिए चीनी आयात की जरुरत ही नहीं है।
उन्होंने बताया कि कुछ स्वार्थी लोग चीनी के उत्पादन और खपत के अलग-अलग आंकड़े जारी कर बाजार में भ्रम फैला रहे हैं, उनका उद्देश्य केवल आयात को बढ़ावा देना है। ...........आर एस राणा
नई दिल्ली। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने कहां कि देश में चीनी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है अभी चीनी आयात की जरुरत नहीं है, तथा अगर आयात की जरुरत पड़ी तो हम केंद्र सरकार ने आयात शुल्क कम करने या फिर शुन्य करने के लिए लिखेंगे।
इस्मा के अध्यक्ष टी सरिता रेड्डी के अनुसार चालू सीजन में चीनी का उत्पादन 213 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पहले अक्टूबर को 77.5 लाख टन चीनी का बकाया स्टॉक बचा हुथा। ऐसे में देष में चीनी की कुल उलब्धता 290 लाख टन से ज्यादा है जबकि देश में चीनी की सलाना खपत 242 लाख टन की ही होती है। ऐसे में आगामी पेराई सीजन पहली अक्टूबर 2017 को चीनी का बकाया स्टॉक 48 लाख टन से ज्यादा ही बचेगा। इसलिए चीनी आयात की जरुरत ही नहीं है।
उन्होंने बताया कि कुछ स्वार्थी लोग चीनी के उत्पादन और खपत के अलग-अलग आंकड़े जारी कर बाजार में भ्रम फैला रहे हैं, उनका उद्देश्य केवल आयात को बढ़ावा देना है। ...........आर एस राणा
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