आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्पादक मंडियों में कपास की कीमतों में गत सप्ताह के अािखर में आई गिरावट का असर इसकी दैनिक आवकों पर पड़ा है, जबकि निर्यातकों ने दिसंबर-जनवरी के जो निर्यात सौदे किए हुए हैं, उनकी शिपमेंट के लिए खरीद बनी हुई है। ऐसे में माना जा रहा है कि कपास की मौजूदा कीमतों में और भी 1,500 से 2,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) की तेजी आ सकती है। अहमदाबाद में गुरुवार को शंकर-6 किस्म की कपास के भाव 40,600 से 41,000 रुपये प्रति कैंडी रहे।
कपास की दैनिक आवक इस समय 1.50 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) की हो रही हैं जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी दैनिक आवक 2 लाख गांठ से ज्यादा की हो रही थी। कपास की दैनिक आवक कम हो रही है, जबकि निर्यातकों ने दिसंबर-जनवरी के निर्यात सौदे ज्यादा मात्रा में किए हुए हैं, इसलिए निर्यातकों को उंचे भाव में रुई की खरीद करनी पड़ रही है।
कपास के एक निर्यात ने बताया कि घरेलू बाजार में कीमतों में आई तेजी के कारण फरवरी-मार्च के निर्यात अनुंबध कम मात्रा में किए जा रहे हैं, इसलिए जनवरी के आखिर तक भाव तेज रह सकत हैं। फरवरी-मार्च में उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक बढ़ने का अनुमान है जबकि निर्यात सौदे कम मात्रा में होंगे, तो भाव में मध्य फरवरी के बाद गिरावट आ सकती है। वैसे भी चालू सीजन में कपास की पैदावार पिछले साल की तुलना में ज्यादा होने का अनुमान है जबकि निर्यात पिछले साल के मुकाबले कम रहेगा। उत्पादक मंडियों में कपास के भाव 1,100 से 1,160 रुपये प्रति 20 किलो ग्राम हैं।
सूत्रों के अनुसार उंचे भाव होने के कारण यार्न मिलों की मांग भी कम हुई है, तथा यार्न मिलों नीचे भाव में आने पर ही कपास की खरीद करेंगे।..............आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्पादक मंडियों में कपास की कीमतों में गत सप्ताह के अािखर में आई गिरावट का असर इसकी दैनिक आवकों पर पड़ा है, जबकि निर्यातकों ने दिसंबर-जनवरी के जो निर्यात सौदे किए हुए हैं, उनकी शिपमेंट के लिए खरीद बनी हुई है। ऐसे में माना जा रहा है कि कपास की मौजूदा कीमतों में और भी 1,500 से 2,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) की तेजी आ सकती है। अहमदाबाद में गुरुवार को शंकर-6 किस्म की कपास के भाव 40,600 से 41,000 रुपये प्रति कैंडी रहे।
कपास की दैनिक आवक इस समय 1.50 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) की हो रही हैं जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी दैनिक आवक 2 लाख गांठ से ज्यादा की हो रही थी। कपास की दैनिक आवक कम हो रही है, जबकि निर्यातकों ने दिसंबर-जनवरी के निर्यात सौदे ज्यादा मात्रा में किए हुए हैं, इसलिए निर्यातकों को उंचे भाव में रुई की खरीद करनी पड़ रही है।
कपास के एक निर्यात ने बताया कि घरेलू बाजार में कीमतों में आई तेजी के कारण फरवरी-मार्च के निर्यात अनुंबध कम मात्रा में किए जा रहे हैं, इसलिए जनवरी के आखिर तक भाव तेज रह सकत हैं। फरवरी-मार्च में उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक बढ़ने का अनुमान है जबकि निर्यात सौदे कम मात्रा में होंगे, तो भाव में मध्य फरवरी के बाद गिरावट आ सकती है। वैसे भी चालू सीजन में कपास की पैदावार पिछले साल की तुलना में ज्यादा होने का अनुमान है जबकि निर्यात पिछले साल के मुकाबले कम रहेगा। उत्पादक मंडियों में कपास के भाव 1,100 से 1,160 रुपये प्रति 20 किलो ग्राम हैं।
सूत्रों के अनुसार उंचे भाव होने के कारण यार्न मिलों की मांग भी कम हुई है, तथा यार्न मिलों नीचे भाव में आने पर ही कपास की खरीद करेंगे।..............आर एस राणा
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