आर एस राणा
नई दिल्ली। निर्यातकों की मांग बढ़ने से बामसती चावल के साथ ही धान की कीमतों में आगे और तेजी आने की संभावना है। पिछले सप्ताह ईरान ने भारत से बामसती चावल के आयात पर आयात शुल्क को 40 फीसदी से घटाकर 26 फीसदी कर दिया था, उसके बाद से भारत से बासमती चावल के निर्यात सौदों में तेजी आई है।
हरियाणा की कैथल मंडी में सोमवार को पूसा 1,121 बासमती धान का भाव बढ़कर 3,300 रुपये और पूसा 1,121 बासमती चावल सेला का भाव 5,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। डीपी धान का भाव 3,200 रुपये और 1,509 का भाव 3,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। माना जा रहा है कि उत्पादक मंडियों में पूसा 1,121 बासमती धान का भाव मार्च के आखिर तक बढ़कर 3,800 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच सकता है। पूसा 1,121 के साथ ही डीपी, 1,509 और सुगंधा के अलावा अन्य धान और चावल की कीमतों में भी इस दौरान तेजी आयेगी।
चालू सीजन में बासमती धान की कुल पैदावार पिछले साल की तुलना में 20 से 25 फीसदी कम होने का अनुमान है जबकि कुछेक क्षेत्रों में क्वाल्टिी भी प्रभावित हुई है। इस समय धान की दैनिक आवक उत्पादक मंडियों में कम हो रही है, जबकि नोटबंदी के कारण दिसंबर नवंबर-दिसंबर में चावल मिलों की खरीद कम हुई थी। ऐसे में आगामी दिनों में मिलों की मांग में और तेजी आने का अनुमान है।
आल इंडिया राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन का एक प्रतिनिधीमंडल इन दिनो ईरान के दौरे पर है, तथा वहां भारतीय बासमती चावल के खिलाफ फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए ईरान के आयातकों से बातचीत करेगा। इससे भारत से बासमती चावल के निर्यात में और तेजी आने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 7 महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान ईरान ने भारत से 4.72 लाख टन बासमती चावल का आयात किया है जोकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 21 फीसदी ज्यादा है। अभी हुए आयात सौदों को देखते हुए फरवरी-मार्च में ईरान को बासमती चावल के निर्यात में और बढ़ोतरी होगी।
चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान बासमती चावल का कुल निर्यात 25.79 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 27.02 लाख टन का हुआ था। हालांकि अप्रैल से नवंबर के दौरान जरुर बासमती चावल के निर्यात में कमी आई थी, लेकिन जनवरी से मार्च के दौरान निर्यात में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए कुल निर्यात पिछले साल के लगभग बराबर ही होने का अनुमान है।
चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान मूल्य के हिसाब से बासमती चावल के निर्यात में 12.93 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 15,378.61 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 17,662.71 करोड़ रुपये का हुआ था।........आर एस राणा
नई दिल्ली। निर्यातकों की मांग बढ़ने से बामसती चावल के साथ ही धान की कीमतों में आगे और तेजी आने की संभावना है। पिछले सप्ताह ईरान ने भारत से बामसती चावल के आयात पर आयात शुल्क को 40 फीसदी से घटाकर 26 फीसदी कर दिया था, उसके बाद से भारत से बासमती चावल के निर्यात सौदों में तेजी आई है।
हरियाणा की कैथल मंडी में सोमवार को पूसा 1,121 बासमती धान का भाव बढ़कर 3,300 रुपये और पूसा 1,121 बासमती चावल सेला का भाव 5,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। डीपी धान का भाव 3,200 रुपये और 1,509 का भाव 3,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। माना जा रहा है कि उत्पादक मंडियों में पूसा 1,121 बासमती धान का भाव मार्च के आखिर तक बढ़कर 3,800 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच सकता है। पूसा 1,121 के साथ ही डीपी, 1,509 और सुगंधा के अलावा अन्य धान और चावल की कीमतों में भी इस दौरान तेजी आयेगी।
चालू सीजन में बासमती धान की कुल पैदावार पिछले साल की तुलना में 20 से 25 फीसदी कम होने का अनुमान है जबकि कुछेक क्षेत्रों में क्वाल्टिी भी प्रभावित हुई है। इस समय धान की दैनिक आवक उत्पादक मंडियों में कम हो रही है, जबकि नोटबंदी के कारण दिसंबर नवंबर-दिसंबर में चावल मिलों की खरीद कम हुई थी। ऐसे में आगामी दिनों में मिलों की मांग में और तेजी आने का अनुमान है।
आल इंडिया राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन का एक प्रतिनिधीमंडल इन दिनो ईरान के दौरे पर है, तथा वहां भारतीय बासमती चावल के खिलाफ फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए ईरान के आयातकों से बातचीत करेगा। इससे भारत से बासमती चावल के निर्यात में और तेजी आने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 7 महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान ईरान ने भारत से 4.72 लाख टन बासमती चावल का आयात किया है जोकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 21 फीसदी ज्यादा है। अभी हुए आयात सौदों को देखते हुए फरवरी-मार्च में ईरान को बासमती चावल के निर्यात में और बढ़ोतरी होगी।
चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान बासमती चावल का कुल निर्यात 25.79 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 27.02 लाख टन का हुआ था। हालांकि अप्रैल से नवंबर के दौरान जरुर बासमती चावल के निर्यात में कमी आई थी, लेकिन जनवरी से मार्च के दौरान निर्यात में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए कुल निर्यात पिछले साल के लगभग बराबर ही होने का अनुमान है।
चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान मूल्य के हिसाब से बासमती चावल के निर्यात में 12.93 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 15,378.61 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 17,662.71 करोड़ रुपये का हुआ था।........आर एस राणा
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