जम्मू
कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी देने वाला
पश्चिमी विक्षोभ अब आगे निकल गया है। हालांकि उत्तर भारत के पास एक नया
पश्चिमी विक्षोभ पहुँच चुका है जिसके चलते पर्वतीय राज्यों में वर्षा और
बर्फबारी जारी रहेगी। अगले 24 घंटों के बाद गतिविधियां और बढ़ सकती हैं।
पश्चिम से आने वाले मौसमी सिस्टमों के चलते पाकिस्तान और उससे सटे पंजाब पर हवाओं में एक चक्रवाती क्षेत्र विकसित हुआ था। इस सिस्टम के प्रभाव से उत्तरी पंजाब, उससे सटे हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई वाले जिलों में गरज के साथ हल्की बारिश देखने को मिल सकती है। राजधानी दिल्ली में छिटपुट बादल अपेक्षित हैं लेकिन मौसम शुष्क रहेगा।
उत्तर भारत में आए इस मौसमी बदलाव के चलते मैदानी राज्यों और मध्य भारत में रात का तापमान काफी ऊपर चला गया है। मंगलवार को भी पारा ऊपर जाएगा जिससे ठंड में कमी बनी रहेगी।
पश्चिम से आने वाले मौसमी सिस्टमों के चलते पाकिस्तान और उससे सटे पंजाब पर हवाओं में एक चक्रवाती क्षेत्र विकसित हुआ था। इस सिस्टम के प्रभाव से उत्तरी पंजाब, उससे सटे हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई वाले जिलों में गरज के साथ हल्की बारिश देखने को मिल सकती है। राजधानी दिल्ली में छिटपुट बादल अपेक्षित हैं लेकिन मौसम शुष्क रहेगा।
उत्तर भारत में आए इस मौसमी बदलाव के चलते मैदानी राज्यों और मध्य भारत में रात का तापमान काफी ऊपर चला गया है। मंगलवार को भी पारा ऊपर जाएगा जिससे ठंड में कमी बनी रहेगी।
एक
ओर उत्तर से लेकर मध्य और पूर्वी भारत तक शीतलहर से जहां राहत मिली है
वहीं कोहरे में कमी से रेल यातायात फिर से पटरी पर आ गया है। उत्तर भारत और
पूर्वी राज्यों में फिलहाल मंगलवार को हल्का कोहरा छाने के आसार हैं।
दक्षिण भारत के राज्यों में मौसम साफ और शुष्क बना रहेगा। इन राज्यों में दिन और रात के तापमान में विशेष बदलाव के संकेत नहीं हैं।
इधर कोमोरिन से बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-मध्य तक एक ट्रफ रेखा विकसित हो गई है। लक्षद्वीप और अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में एक-दो स्थानों पर गरज के साथ बौछारें दर्ज की जा सकती हैं
दक्षिण भारत के राज्यों में मौसम साफ और शुष्क बना रहेगा। इन राज्यों में दिन और रात के तापमान में विशेष बदलाव के संकेत नहीं हैं।
इधर कोमोरिन से बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-मध्य तक एक ट्रफ रेखा विकसित हो गई है। लक्षद्वीप और अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में एक-दो स्थानों पर गरज के साथ बौछारें दर्ज की जा सकती हैं
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