चालू पेराई सीजन में 213 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान
आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2016 से चालू हुए पेराई सीजन 2016-17 में चीनी का उत्पादन घटकर 213 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि उद्योग ने सितंबर में 234 लाख टन उत्पादन का अनुमान लगाया था। खाद्य मंत्रालय ने चालू पेराई सीजन में 225 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान लगाया है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार पिछले पेराई सीजन में 251 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था जबकि चालू सीजन में सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटका में सूखे के कारण गन्ने की फसल प्रभावित हुई है, जिससे इन राज्यों में चीनी मिलों में पेराई बंद होने लगी है। इस्मा के अनुसार चालू फसल सीजन 2016-17 में चीनी की खपत भी घटकर 242 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पहले सालाना खपत 248 लाख टन होने का अनुमा था।
इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में पहली अक्टूबर 2016 को 77.5 लाख टन चीनी का बकाया स्टॉक बचा हुआ था, ऐसे में चालू सीजन में कुल उपलब्धता 290.5 लाख टन की होगी जबकि देश में चीनी की सालाना खपत 242 लाख टन होने का अनुमान है। ऐसे में आगामी पेराई सीजन के शुरु में यानि पहली अक्टूबर 2017 को चीनी का बकाया स्टॉक 48.5 लाख टन का होगा।
इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में 15 जनवरी 2017 तक 104.80 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले केवल 5 फीसदी कम है। सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटका में चीनी के उत्पादन में कमी आने का अनुमान है लेकिन उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन पिछले साल से ज्यादा होने की संभावना है।
इस समय चीनी पर 40 फीसदी आयात शुल्क है तथा विश्व बाजार में व्हाईट चीनी का भाव 562 डॉलर प्रति टन है। इन भाव में मौजूदा आयात शुल्क को देखते हुए आयात संभव नहीं है तथा आयात तभी हो सकता है जब आयात शुल्क को शुन्य किया जाए। उत्तर प्रदेश के साथ ही पंजाब में विधानसभा चुनाव है इसलिए मध्य फरवरी तक केंद्र सरकार आयात शुल्क को शुन्य नहीं करेगी। ऐसे में घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ सकती है। सूत्रों का मानना है कि केंद्र सरकार मार्च में चीनी पर आयात शुल्क को शुन्य कर सकती है।.............आर एस राणा
आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2016 से चालू हुए पेराई सीजन 2016-17 में चीनी का उत्पादन घटकर 213 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि उद्योग ने सितंबर में 234 लाख टन उत्पादन का अनुमान लगाया था। खाद्य मंत्रालय ने चालू पेराई सीजन में 225 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान लगाया है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार पिछले पेराई सीजन में 251 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था जबकि चालू सीजन में सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटका में सूखे के कारण गन्ने की फसल प्रभावित हुई है, जिससे इन राज्यों में चीनी मिलों में पेराई बंद होने लगी है। इस्मा के अनुसार चालू फसल सीजन 2016-17 में चीनी की खपत भी घटकर 242 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पहले सालाना खपत 248 लाख टन होने का अनुमा था।
इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में पहली अक्टूबर 2016 को 77.5 लाख टन चीनी का बकाया स्टॉक बचा हुआ था, ऐसे में चालू सीजन में कुल उपलब्धता 290.5 लाख टन की होगी जबकि देश में चीनी की सालाना खपत 242 लाख टन होने का अनुमान है। ऐसे में आगामी पेराई सीजन के शुरु में यानि पहली अक्टूबर 2017 को चीनी का बकाया स्टॉक 48.5 लाख टन का होगा।
इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में 15 जनवरी 2017 तक 104.80 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले केवल 5 फीसदी कम है। सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटका में चीनी के उत्पादन में कमी आने का अनुमान है लेकिन उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन पिछले साल से ज्यादा होने की संभावना है।
इस समय चीनी पर 40 फीसदी आयात शुल्क है तथा विश्व बाजार में व्हाईट चीनी का भाव 562 डॉलर प्रति टन है। इन भाव में मौजूदा आयात शुल्क को देखते हुए आयात संभव नहीं है तथा आयात तभी हो सकता है जब आयात शुल्क को शुन्य किया जाए। उत्तर प्रदेश के साथ ही पंजाब में विधानसभा चुनाव है इसलिए मध्य फरवरी तक केंद्र सरकार आयात शुल्क को शुन्य नहीं करेगी। ऐसे में घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ सकती है। सूत्रों का मानना है कि केंद्र सरकार मार्च में चीनी पर आयात शुल्क को शुन्य कर सकती है।.............आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें