सेबीः एक्सचेंजों का रिस्क मैनेजमेंट नियम सख्त
सेबी ने कमोडिटी एक्सचेंजों के रिस्क मैनेजमेंट के नियमों को और सख्त कर दिया है। सेबी ने इसके लिए नए गाइडलाइंस जारी किए हैं। नए नियम के तहत डिफॉल्ट की स्थिति में अब एक्सचेंज को पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी। इसके लिए सेटमलमेंट गारंटी फंड में पहले तो एक्सचेंजों की हिस्सेदारी पर 5 फीसदी की सीमा थी उसे खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा वायदा में शुरुआती मार्जिन को दोगुना कर दिया गया है। सेबी की कोशिश है कि सीरियस ट्रेडर्स को ही बाजार मे आने दिया जाए। स्प्रेड ट्रेड पर मिलने वाला मार्जिन लाभ पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। साथ ही कमोडिटी में एकतरफा चाल रोकने के लिए कॉन्सेनट्रेशन मार्जिन लगाया गया है।
सेबी ने कमोडिटी एक्सचेंजों के रिस्क मैनेजमेंट के नियमों को और सख्त कर दिया है। सेबी ने इसके लिए नए गाइडलाइंस जारी किए हैं। नए नियम के तहत डिफॉल्ट की स्थिति में अब एक्सचेंज को पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी। इसके लिए सेटमलमेंट गारंटी फंड में पहले तो एक्सचेंजों की हिस्सेदारी पर 5 फीसदी की सीमा थी उसे खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा वायदा में शुरुआती मार्जिन को दोगुना कर दिया गया है। सेबी की कोशिश है कि सीरियस ट्रेडर्स को ही बाजार मे आने दिया जाए। स्प्रेड ट्रेड पर मिलने वाला मार्जिन लाभ पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। साथ ही कमोडिटी में एकतरफा चाल रोकने के लिए कॉन्सेनट्रेशन मार्जिन लगाया गया है।
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