अमेरिका में ब्याज दरें नहीं बढ़ीं, और फेड के इस फैसले के बाद सोने की
चमक बढ़ गई है। साथ ही पूरे कमोडिटी और करेंसी बाजार पर इसका असर पड़ा है।
कच्चे तेल में जोरदार तेजी आई है। साथ ही बेस मेटल भी उछल गए हैं। येन के
मुकाबले डॉलर जहां एक महीने के निचले स्तर पर आ गया है। वहीं डॉलर के
मुकाबले रुपया मजबूत हो गया है।
दरअसल फेडरल रिजर्व ने अमेरिका में ब्याज दर 0.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। हालांकि फेड ने कहा है कि अमेरिकी इकोनॉमी तेजी से सुधर रही है और रोजगार के बेहतर आंकड़ों से इस साल के अंत में ब्याज दर बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। वहीं अगले साल फेड ने दो बार और उसके बाद से दो सालों में 3-3 बार दरें बढ़ाने का संकेत दिया है।
दरअसल फेडरल रिजर्व ने अमेरिका में ब्याज दर 0.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। हालांकि फेड ने कहा है कि अमेरिकी इकोनॉमी तेजी से सुधर रही है और रोजगार के बेहतर आंकड़ों से इस साल के अंत में ब्याज दर बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। वहीं अगले साल फेड ने दो बार और उसके बाद से दो सालों में 3-3 बार दरें बढ़ाने का संकेत दिया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें