घरेलू कमोडिटी बाजार नए दौर में जा रहा है। सेबी-एफएमसी विलय के ठीक 1
साल के बाद मार्केट रेग्यूलेटर ने कमोडिटी में ऑप्शन ट्रेडिंग की इजाजत दे
दी है। कमोडिटी मार्केट को लेकर सेबी ने बड़े फैसले किए है। इस बारे में
गाइडलाइंस जल्द जारी हो सकती है। एक्सचेंज ऑप्शंस ट्रेडिंग की अर्जी दे
सकेंगे। ऑप्शंस ट्रेडिंग के पहले एक्सेंज के अर्जी देनी होगी।
कॉन्ट्रैक्ट्स की पूरी जानकारी बाद में देनी होगी। सेबी ने कहा है कि
ऑप्शंस की पूरी गाइडलाइंस जल्द जारी की जाएगी। कमोडिटी डेरिवेटिव एडवाइजरी
कमिटी के सुझाव पर ये फैसला लिया गया है। बता दें कि अब तक सिर्फ कमोडिटी
फ्यूचर्स में ट्रेडिंग की सुविधा थी।
इसके अलावा सेबी ने 6 नई कमोडिटी में वायदा वायदा शुरू करने की भी मंजूरी दी है जिसमें हीरा, चाय, अंडा, कोकोआ, पिग आयरन और पीतल शामिल हैं। इस तरह अब वायदा की लिस्ट में कुल 91 कमोडिटी शामिल हो गई हैं।
कमोडिटी के कारोबार में कमोडिटी एक्सचेंजों के मार्केट शेयर की बात करें तो 2015-2016 में 2.9 लाख करोड़ रुपये के कमोडिटी बाजार में एमसीएक्स की हिस्सेदारी 84.5 फीसदी, एनसीडीईएक्स की हिस्सेदार 15 फीसदी और एनएमसीई की हिस्सेदारी 0.5 फीसदी रही है।
इसके अलावा सेबी ने 6 नई कमोडिटी में वायदा वायदा शुरू करने की भी मंजूरी दी है जिसमें हीरा, चाय, अंडा, कोकोआ, पिग आयरन और पीतल शामिल हैं। इस तरह अब वायदा की लिस्ट में कुल 91 कमोडिटी शामिल हो गई हैं।
कमोडिटी के कारोबार में कमोडिटी एक्सचेंजों के मार्केट शेयर की बात करें तो 2015-2016 में 2.9 लाख करोड़ रुपये के कमोडिटी बाजार में एमसीएक्स की हिस्सेदारी 84.5 फीसदी, एनसीडीईएक्स की हिस्सेदार 15 फीसदी और एनएमसीई की हिस्सेदारी 0.5 फीसदी रही है।
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