आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में देष के सबसे बड़े ग्वार सीड उत्पादक राज्य राजस्थान में बुवाई कम होने से पैदावार तो कम होने का अनुमान है ही, साथ ही बारिष नहीं होने से ग्वार सीड की फसल को नुकसान होने की आषंका बढ़ गई है इसलिए ग्वार सीड और ग्वार गम की कीमतों में तेजी की संभावना है।
राज्य के कृषि निदेषालय के अनुसार चालू खरीफ में राजस्थान में ग्वार सीड की बुवाई का लक्ष्य 36 लाख हैक्टेयर का रखा था, जबकि बुवाई केवल 29.83 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है इसलिए पैदावार पिछले साल की तुलना में कम होगी।
जानकारों के अनुसार इस समय ग्वार सीड की फसल को पानी की जरुरत है तथा जिस तरह से राजस्थान से मानसून की विदाई हो चुकी है, उसे देखते हुए अभी बारिष की उम्मीद कम है इसलिए स्टॉकिस्टों की सक्रियता तेज हो गई है। अतः ग्वार सीड और ग्वार गम की कीमतों मंे स्टॉकिस्टों के कारण तेजी बनने का अनुमान है।
ग्वार सीड के एक कारोबारी के अनुसार पिछले साल 1.5 करोड़ बोरी ग्वार का उत्पादन हुआ था जबकि चालू सीजन में उत्पादन घटकर 80 लाख बोरी से भी कम होने की आषंका है, जोकि सालाना खपत से भी कम होगा। हालांकि यह सही है कि ग्वार सीड का पिछला स्टॉक मंडियों में अच्छा-खासा बचा हुआ है, तथा ग्वार गम उत्पादों की निर्यात मांग भी एक सीमित दायरे में ही है इसलिए मांग के हिसाब से ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं है लेकिन स्टॉकिस्टों की सक्रियता है इसलिए भाव तेज होंगे।........आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में देष के सबसे बड़े ग्वार सीड उत्पादक राज्य राजस्थान में बुवाई कम होने से पैदावार तो कम होने का अनुमान है ही, साथ ही बारिष नहीं होने से ग्वार सीड की फसल को नुकसान होने की आषंका बढ़ गई है इसलिए ग्वार सीड और ग्वार गम की कीमतों में तेजी की संभावना है।
राज्य के कृषि निदेषालय के अनुसार चालू खरीफ में राजस्थान में ग्वार सीड की बुवाई का लक्ष्य 36 लाख हैक्टेयर का रखा था, जबकि बुवाई केवल 29.83 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है इसलिए पैदावार पिछले साल की तुलना में कम होगी।
जानकारों के अनुसार इस समय ग्वार सीड की फसल को पानी की जरुरत है तथा जिस तरह से राजस्थान से मानसून की विदाई हो चुकी है, उसे देखते हुए अभी बारिष की उम्मीद कम है इसलिए स्टॉकिस्टों की सक्रियता तेज हो गई है। अतः ग्वार सीड और ग्वार गम की कीमतों मंे स्टॉकिस्टों के कारण तेजी बनने का अनुमान है।
ग्वार सीड के एक कारोबारी के अनुसार पिछले साल 1.5 करोड़ बोरी ग्वार का उत्पादन हुआ था जबकि चालू सीजन में उत्पादन घटकर 80 लाख बोरी से भी कम होने की आषंका है, जोकि सालाना खपत से भी कम होगा। हालांकि यह सही है कि ग्वार सीड का पिछला स्टॉक मंडियों में अच्छा-खासा बचा हुआ है, तथा ग्वार गम उत्पादों की निर्यात मांग भी एक सीमित दायरे में ही है इसलिए मांग के हिसाब से ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं है लेकिन स्टॉकिस्टों की सक्रियता है इसलिए भाव तेज होंगे।........आर एस राणा
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