भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चुनाव की तैयारी कर रहे पंजाब में धान
खरीदारी के लिए 26,000 करोड़ रुपये की नकद उधारी सीमा (सीसीएल) को मंजूरी
दी है जिसे शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के लिए राहत के तौर पर देखा जा
रहा है। इस गठबंधन को अनाज खरीदने के लिए कोष जारी करने के संदर्भ में अतीत
में संघर्ष का सामना करना पड़ा है। पंजाब मंडी बोर्ड के उप-चेयरमैन रविंदर
सिंह चीमा ने कहा, 'आरबीआई ने पंजाब से धान खरीदारी के लिए 26,000
करोड़ रुपये की सीसीएल को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है।' चीमा ने कहा, 'अब
राज्य सरकार धान खरीदारी के लिए कोष जारी करवाने के लिए आरबीआई की स्वीकृति
पत्र भेजकर केंद्र से भी मंजूरी की संभावना तलाशेगी।'
पंजाब में धान खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होगी और इस राज्य से 150 लाख टन
धान की संभावित खरीद का अनुमान है। सीसीएल के लिए आरबीआई की मंजूरी को
बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि शिरोमणि अकाली-भाजपा गठबंधन विधानसभा
चुनाव को देखते हुए सीसीएल जारी होने में किसी तरह का विलंब पसंद नहीं
करेगा। शिरोमणि अकाली-भाजपा गठबंधन को अनाज के पारंपरिक भंडारों की वैल्यू
और गेहूं एवं धान खरीदारी के लिए सीसीएल के जरिये खर्च की गई रकम के बीच
असमानता की वजह से कई अवसरों पर सीसीएल जारी किए जाने में विलंब का सामना
करना पड़ा।
कड़ी आलोचनाओं के बाद शिरोमणि-भाजपा गठबंधन ने तब अनाज खरीदारी के
संबंध में कोष जारी कराने के लिए नरेंद्र मोदी-नीत केंद्र सरकार से अनुरोध
किया था। पिछले रबी विपणन सत्र में, जब सीसीएल में विलंब हुआ था तो
कांग्रेस ने प्रकाश सिंह बादल-नियंत्रित सरकार पर 12,000 करोड़ रुपये के
'अनाज घोटाले' से जुड़े होने का आरोप लगाया था। चीमा ने तत्कालीन आरबीआई
गवर्नर रघुराम राजन पर पंजाब के लिए सीसीएल जारी करने में अनावश्यक अवरोध
पैदा करने का आरोप लगाया था। 18 सितंबर को जालंधर की यात्रा पर आए केंद्रीय
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सीसीएल को लेकर पैदा हुए विवाद को 'ऐतिहासिक
समस्या' करार दिया था और कहा था कि राज्य और केंद्र, दोनों इस समस्या को
सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।
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