प्याज की बरबादी में कमी
लाने के लिए सरकार ने तीन राज्यों में इसकी भंडारण क्षमता 56,800 टन बढ़ाने
का फैसला किया है। कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव शकील अहमद ने कहा कि
सरकार ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और ओडिशा में प्याज की भंडारण क्षमता
बढ़ाने का फैसला किया है ताकि इसकी बरबादी रोकी जा सके। उन्होंने कहा कि इस
योजना के मुताबिक मध्य प्रदेश में भंडारण क्षमता 38,000 टन, महाराष्ट्र
में 12,000 टन और ओडिशा में 6,800 टन बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार
को उम्मीद है कि इस कदम से देश में पूरे वर्ष भर प्याज की आसानी से आपूर्ति
हो सकेगी और कीमतें नियंत्रण में रहेंगी। शकील ने कहा कि इससे अधिक
उत्पादन होने की स्थिति में किसानों को भी मदद मिलेगी जो अपने उत्पाद को
औने-पौने दाम पर बेचने के बजाय उसका भंडारण कर पाएंगे। शकील ने कहा कि
सरकार शीत भंडारगृह के बारे में एक नई राष्ट्रीय नीति को तैयार करने की ओर
भी ध्यान दे रही है। फसल का सीजन न होने के समय मूल्यवृद्धि की स्थिति में
बाजार हस्तक्षेप करने के मकसद से बफर स्टॉक बनाने के लिए केंद्र सरकार ने
किसानों से लक्ष्य से अधिक यानी 20,000 टन प्याज की खरीद की है। पिछले साल
सरकार ने 8,000 टन प्याज की खरीद की थी लेकिन ऐसा तब किया गया जब इसकी
खुदरा कीमतें 80 से 90 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्च स्तर पर जा पहुंची
थीं। हालांकि सरकार ने इस साल समय पर खरीद करने का फैसला किया है और फसल
वर्ष 2015-16 (जुलाई से जून) के रबी फसल से 15,000 टन प्याज की खरीद करने
का लक्ष्य तय किया था। (BS Hindi)
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