आर एस राणा
नई दिल्ली। कपास की कीमतों में महीनेभर में करीब 10 फीसदी की तेजी आ चुकी है। महाराष्ट्र की मंडियों में कपास के भाव बढ़कर 39,700 से 40,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) हो गए।
इस समय उत्पादक राज्यों में कपास की दैनिक आवक घटकर 15 हजार गांठ (एक गांठ-170 किलो) से भी कम हो गई है जबकि घरेलू यार्न मिलों की मांग अच्छी बनी हुई है। मानसूनी की देरी का असर कपास की बुवाई पर भी पड़ा है तथा चालू खरीफ में कपास की बुवाई में अभी तक करीब 35 फीसदी की कमी आई है तथा अभी तक 10 लाख हैक्टेयर से कम क्षेत्रफल में कपास की बुवाई हो पाई है। उत्तर भारत के राज्यों पंजाब और हरियाणा में तो लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पाया है। हालांकि पष्चिमी राज्या में बुवाई अभी चल रही है। माना जा रहा है कि तेलंगाना और आंध्रप्रदेष में भी बुवाई में कमी आ सकती है। ऐसे में लगातार चौथे साल देष में कपास की पैदावार में कमी आने की आषंका है। इसलिए कीमतों में अभी और भी सुधार आ सकता है। ....आर एस राणा
नई दिल्ली। कपास की कीमतों में महीनेभर में करीब 10 फीसदी की तेजी आ चुकी है। महाराष्ट्र की मंडियों में कपास के भाव बढ़कर 39,700 से 40,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) हो गए।
इस समय उत्पादक राज्यों में कपास की दैनिक आवक घटकर 15 हजार गांठ (एक गांठ-170 किलो) से भी कम हो गई है जबकि घरेलू यार्न मिलों की मांग अच्छी बनी हुई है। मानसूनी की देरी का असर कपास की बुवाई पर भी पड़ा है तथा चालू खरीफ में कपास की बुवाई में अभी तक करीब 35 फीसदी की कमी आई है तथा अभी तक 10 लाख हैक्टेयर से कम क्षेत्रफल में कपास की बुवाई हो पाई है। उत्तर भारत के राज्यों पंजाब और हरियाणा में तो लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पाया है। हालांकि पष्चिमी राज्या में बुवाई अभी चल रही है। माना जा रहा है कि तेलंगाना और आंध्रप्रदेष में भी बुवाई में कमी आ सकती है। ऐसे में लगातार चौथे साल देष में कपास की पैदावार में कमी आने की आषंका है। इसलिए कीमतों में अभी और भी सुधार आ सकता है। ....आर एस राणा
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