आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में केस्टर सीड की बुवाई में कमी आने की आषंका है। जानकारों के अनुसार खरीफ में मानूसनी बारिष अच्छी होने के कारण गुजरात के साथ ही राजस्थान में किसान दलहन के साथ अन्य फसलों की बुवाई को प्राथमिकता देंगे जिससे केस्टर सीड की बुवाई में करीब 10 से 15 फीसदी की कमी आने की आषंका है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार पिछले साल खरीफ में केस्टर सीड की बुवाई 11.38 लाख हैक्टेयर में हुई थी। इस समय उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड के भाव 3,050 से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। गुजरात की प्रमुख मंडी दिसा में केस्टर सीड का करीब 3.5 लाख बोरी का स्टाक बचा हुआ है जोकि पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। हालांकि चालू सीजन में केस्टर तेल के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है लेकिन घरेलू मंडियों में स्टॉक ज्यादा होने के कारण अभी तेजी की संभावना नहीं है।.....आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में केस्टर सीड की बुवाई में कमी आने की आषंका है। जानकारों के अनुसार खरीफ में मानूसनी बारिष अच्छी होने के कारण गुजरात के साथ ही राजस्थान में किसान दलहन के साथ अन्य फसलों की बुवाई को प्राथमिकता देंगे जिससे केस्टर सीड की बुवाई में करीब 10 से 15 फीसदी की कमी आने की आषंका है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार पिछले साल खरीफ में केस्टर सीड की बुवाई 11.38 लाख हैक्टेयर में हुई थी। इस समय उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड के भाव 3,050 से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। गुजरात की प्रमुख मंडी दिसा में केस्टर सीड का करीब 3.5 लाख बोरी का स्टाक बचा हुआ है जोकि पिछले साल की तुलना में ज्यादा है। हालांकि चालू सीजन में केस्टर तेल के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है लेकिन घरेलू मंडियों में स्टॉक ज्यादा होने के कारण अभी तेजी की संभावना नहीं है।.....आर एस राणा
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