सरकार ने बाजार में और अनाज उतारने और दालों के आयात की संभावना
तलाशने के लिए म्यांमार और अफ्रीका में टीम भेजने की योजना बनाई है। यह
खाद्य महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार की बहुआयामी रणनीति का हिस्सा
है। गौरतलब है कि पिछले कुछ सप्ताह के दौरान खाद्य महंगाई में बढ़ोतरी का
रुझान दिखा है। टमाटर जैसी सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी पर अधिकारियों
ने कहा कि मोदी सरकार के शीर्ष मंत्रियों और अधिकारियों की उच्च स्तरीय
बैठक के बाद यह आम राय बनी कि यह तेजी मौसमी है और कुछ कुछ सप्ताह बाद
कीमतें घट जाएंगी। यह उच्च स्तरीय बैठक वित्त मंत्री अरुण जेटली के आवास पर
हुई। इसमें कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, खाद्य मंत्री राम विलास पासवान,
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारामन और शहरी विकास
मंत्री एम वेंकैया नायडू ने हिस्सा लिया। करीब एक घंटे तक चली चर्चा में
वित्त सचिव अशोक लवासा, आर्थिक मामलों केसचिव शक्तिकांत दास, राजस्व सचिव
हसमुख अधिया और मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने भी हिस्सा
लिया।
बैठक में केंद्र की खरीद नीति और खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी पर अंकुश
लगाने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा क्या कदम उठाए जाएं, इस पर व्यापक
चर्चा हुई। बैठक की चर्चा के बारे में जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ सरकारी
अधिकारी ने कहा, 'करीब 10,000 टन दालें पहले ही बफर स्टॉक से जारी कर दी गई
हैं। हम राज्यों की मांग के आधार पर और दालें जारी करेंगे।'
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