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16 जून 2016

दालों के आयात की संभावना तलाशने के लिए म्यांमार और अफ्रीका में टीम भेजने की योजना

सरकार ने बाजार में और अनाज उतारने और दालों के आयात की संभावना तलाशने के लिए म्यांमार और अफ्रीका में टीम भेजने की योजना बनाई है। यह खाद्य महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार की बहुआयामी रणनीति का हिस्सा है। गौरतलब है कि पिछले कुछ सप्ताह के दौरान खाद्य महंगाई में बढ़ोतरी का रुझान दिखा है। टमाटर जैसी सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी पर अधिकारियों ने कहा कि मोदी सरकार के शीर्ष मंत्रियों और अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह आम राय बनी कि यह तेजी मौसमी है और कुछ कुछ सप्ताह बाद कीमतें घट जाएंगी। यह उच्च स्तरीय बैठक वित्त मंत्री अरुण जेटली के आवास पर हुई। इसमें कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, खाद्य मंत्री राम विलास पासवान, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारामन और शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने हिस्सा लिया। करीब एक घंटे तक चली चर्चा में वित्त सचिव अशोक लवासा, आर्थिक मामलों केसचिव शक्तिकांत दास, राजस्व सचिव हसमुख अधिया और मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने भी हिस्सा लिया। 
 
बैठक में केंद्र की खरीद नीति और खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा क्या कदम उठाए जाएं, इस पर व्यापक चर्चा हुई। बैठक की चर्चा के बारे में जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'करीब 10,000 टन दालें पहले ही बफर स्टॉक से जारी कर दी गई हैं। हम राज्यों की मांग के आधार पर और दालें जारी करेंगे।'
 
अधिकारियों ने कहा कि बैठक में चर्चा का मुख्य विषय दालों की समस्या और इनकी बढ़ती कीमतें रहा क्योंकि खाद्य महंगाई बढ़ाने में इसका सबसे ज्यादा योगदान है। बाद में खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने बताया कि उनके मंत्रालय को सीधे किसानों से खरीद और आयात के जरिये दालों की उपलब्धता बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा कि इस साल बफर स्टॉक के लिए 1.5 लाख टन दालें खरीदने का लक्ष्य है और अब तक खरीफ और रबी सीजन में 1.15 लाख टन दालें खरीदी जा चुकी हैं। रबी सीजन की खरीद अब भी चल रही है। (BS Hindi)

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